भारत पानी सैन्य शक्ति बढ़ाने पर लगातार जोर दे रहा है. अब इसी कड़ी में अमेरिकी कंपनी बोइंग F-18 सुपर हॉर्नेट के दो फाइटर विमान भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए भेजने वाली है. यह अमेरिकी नौसेना का मुख्य लड़ाकू विमान है. इस विमान को ट्रायल के रूप में भारत में भेजा जा रहा है. इससे यह देखा जाएगा कि भारत के नए एयरक्राफ्ट केरियर आईएनएस विक्रांत के मुख्य हथियार के रूप में ये कितना अच्छा है. गोवा में आईएनएस हंसा की टेस्ट फैसिलिटी में इसका फ्लाइट टेस्ट किया जाएगा.
बता दें, आईएनएस विक्रांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लॉन्च कर सकते हैं. उसके बाद ये विमान भारत की सैन्य शक्ति को और भी बढ़ाने में मदद करेगा.
21 मई के आसपास होगा फ्लाइट टेस्ट
दरअसल, अगर भारत का स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत सर्विस में आता है तो उसे नए लड़ाकू विमानों की जरूरत होगी. इसीलिए ये अलग अलग टेस्ट किए जा रहे हैं. नई दिल्ली और वाशिंगटन से उपलब्ध जानकारी के अनुसार, ये फ्लाइट टेस्ट 21 मई के आसपास होने की उम्मीद है. वहीं दूसरी ओर आईएनएस विक्रमादित्य को जल्द ही सेना में शामिल किया जाना है. IAC-1 और INS विक्रांत-1 के अभी ट्रायल्स चल रहे हैं.
इसके अलावा, आईएनएस विक्रांत और विक्रमादित्य के लिए एक और फाइटर राफेल-एम है, जिसका नौसेना ने इस जनवरी में गोवा में टेस्ट किया था. इसके काफी अच्छे परिणाम मिले हैं. बता दें, भारतीय नौसेना की 26 लड़ाकू विमान खरीदने की योजना है.
क्या है इसकी विशेषता?
इसकी विशेषताओं की अगर बात करें तो राफेल के तरह ही इसमें भी दो इंजन लगे हैं. इसके पंखों की चौड़ाई 44 फीट 8 इंच है. इसे अपने टारगेट को तबाह करने और हर तरह के मिशन को अंजाम में माहिर माना जाता है. ये विमान AIM-9 साइड वाइंडर, AIM-7 स्पैरो और AIM-120 AMRAAM मिसाइल लेकर उड़ान भरता है. वहीं इसके पास AGM-65 मैवरिक, SLAM-ER, AGM-88 HARM एंटी रेडिएशन मिसाइल और AGM-154 JSOW मिसाइल भी हैं.
ये अमेरिका का मेजर फाइटर है. इसी की मदद से अमेरिका ने सीरिया, लीबिया, ईराक और अफगानिस्तान पर भीषण बमबारी की थी और दुश्मनों को घुटनों पर ला दिया था.