आमतौर पर साल से आखिरी महीनों और नए साल शुरुआती महीनों में सर्दी का मौसम देखने को मिलता है. लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ है. साल 2024 के आखिरी दो महीनों में ही सर्दी और थोड़ा कोहरा देखने को मिला.
इसके अलावा साल 2025 के जनवरी माह में उतरी गर्मी नहीं पड़ी जितनी आमतौर पर पड़ती है. काफी लोगों का कहना रहा कि फरवरी के माह में भी सर्दी का सितम देखने को नहीं मिलेगा.
क्या कहना है मौसम विभाग का
मौसम विभाग की माने को इस बार लोगों को वसंत का मौसम नहीं देखने को मिल पाएगा. इस बार सीधे गर्मी के कारण पारा बढ़ जाएगा. इसके अलावा हवा में नमी भी कम रहेगी और बारिश में भी कमी देखने को मिलेगी. जो कि गर्मी बढ़ने के बड़े कारक माने जा सकते हैं.
भारत के दक्षिणी हिस्से को छोड़ दें तो बाकी बचे अन्य हिस्सों में लोग सर्दी का मज़ा ज्यादा दिन नहीं ले पाएंगे. साथ ही जिन हिस्सों में बारिश होगी भी, वहां बारिश में कटौती देखने को मिलेगी. ऐसे में फरवरी के महीने में तापमान सामान्य से अधिक होने के आसार बढ़ रहे हैं.
कैसा है दक्षिणी राज्यों के हिस्सों का हाल
दक्षिणी राज्य क्योंकि थोड़ा समुद्र किनारे होते हैं तो वहां तापमान थोड़ा कम होने की गुनजाइश होती है. जहां सामान्य तौर पर इन राज्यों में तापमान 30-32 डिग्री रहता है. वहीं इस बार तापमान उछाल मारकर 33-37 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है.
फसलों पर भी पड़ सकता है असर
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम के बदलाव से फसलों पर भी भारी असर देखने को मिल सकता है. जानकार बताते है कि अगर फरवरी में मौसम बहुत ज्यादा रहता है तो गेंहू की फसल पर काफी असर पड़ेगा. गेंहू के दाने काफी छोटे रह जाएंगे. तो वहीं चना और सरसों की फसल समय से पहले ही पक तक तैयार हो जाएगी.
साथ ही फलों की बात करें तो पेड़ों पर लीची की फसल को तैयार होने और पकने का समय भी प्रभावित होगा.