8 साल बाद फिर शुरू हुई भारत-नेपाल ट्रेन सेवा, पीएम मोदी और देउबा ने दिखाई हरी झंडी

भारत के जयनगर स्टेशन से कुर्था के बीच शुरू हुई ट्रेन सेवा जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास रेल परियोजना बिहार के मधुबनी जिला एवं नेपाल के धनुषा, महोतारी और सिरहा जैसे कृषि योग्य एवं सघन आबादी वाले जिले से गुजरता है.

भारत-नेपाल ट्रेन सेवा
gnttv.com
  • समस्तीपुर,
  • 02 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:48 PM IST
  • जयनगर से कुर्था तक चलेगी ट्रेन
  • 1937 में नेपाल भारत के बीच शुरू हुई थी रेल सेवा

भारत नेपाल के बीच ट्रेन सेवा की शुरुआत आज हो चुकी है. पीएम नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका शुभारंभ किया है. अब जयनगर-जनकपुर धाम-कुर्था के बीच नव आमान परिवर्तित रेल लाईन पर ट्रेन सेवा चालू हो गई है. इसका सीधा फायदा जनकपुर धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगा. इस रेल सेवा के शुरू हो जाने से न केवल यात्रा सुगम हो गयी बल्कि व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. पर्यटकों के आवागमन में भी सुविधा होगी साथ ही सीमावर्ती क्षेत्र का तेजी से विकास होगा.

जयनगर से कुर्था तक चलेगी ट्रेन
बता दें कि भारत और नेपाल के बीच लगभग 784 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से निर्माणाधीन जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास (69.08 किमी) की रेल परियोजना के प्रथम चरण में नव आमान परिवर्तित 34.50 किलोमीटर लंबे जयनगर-जनकपुर धाम/कुर्था (नेपाल) रेलखंड पर ट्रेन सेवा शुरू की गई है. इस परियोजना के पहले चरण में बिहार के मधुबनी जिले का जयनगर स्टेशन नेपाल के कुर्था से जुड़ गया है. कुर्था स्टेशन से बीजलपुरा तक लगभग 18 किमी लंबे रेलखंड का भी कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है जबकि बीजलपुरा से बरदिबास तक लगभग 16 किमी लंबे रेलखंड के निर्माण का कार्य नेपाल सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के उपरांत प्रारंभ कर दिया जाएगा. यह परियोजना दोनों देशों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. 

1937 में नेपाल भारत के बीच शुरू हुई थी रेल सेवा
भारत नेपाल का रिश्ता काफी पुराना रहा है.वर्ष 1937 में भारत के जयनगर और नेपाल के बैजलपुर के बीच नैरोगेज ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ था. लेकिन 2001 में नेपाल में आई भीषण बाढ़ के कारण कुछ रेल पुल बह गए थे. जिसके बाद नेपाल में जनकपुर से आगे ट्रेन की सेवा बंद हो गई थी. लेकिन जनकपुर से जयनगर के बीच मार्च, 2014 तक ट्रेनों का परिचालन जारी रहा. भारत सरकार और नेपाल सरकार के आपसी समझौते के बाद जयनगर-बैजलपुरा-बर्दीबास के बीच नई बड़ी रेल लाईन स्थापित करने का निर्णय लिया गया. इस परियोजना के लिए वित्त मंत्रालय की तरफ से 784 करोड़ रुपए की लागत लगाई गई. यह सिर्फ एक रेल सेवा ही नहीं होगी बल्कि यह दोनों देशों की सदियों पुराने द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगाढ़ करने के साधन के रूप में अपनी महत्वपूर्ण कदम भी होगा.

खेत खलिहान और घनी आबादी के बीच से गुजरती है ट्रेन
भारत के जयनगर स्टेशन से कुर्था के बीच शुरू हुई ट्रेन सेवा जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास रेल परियोजना बिहार के मधुबनी जिला एवं नेपाल के धनुषा, महोतारी और सिरहा जैसे कृषि योग्य एवं सघन आबादी वाले जिले से गुजरता है. प्रथम चरण में पूर्ण जयनगर-कुर्था रेलखंड के बीच इनरवा स्टेशन, खजुरी स्टेशन, महिनाथपुर हॉल्ट, वैदेही स्टेशन, परवाहा हॉल्ट, जनकपुर धाम स्टेशन बनाए गए हैं. इस रेलखंड पर भारत के जयनगर एवं नेपाल के इनरवा स्टेशनों पर कस्टम चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं.

(जहाँगीर आलम की रिपोर्ट)


 

 

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