Jammu-Kashmir: LOC के पास भक्तों के लिए खुले शारदा मंदिर के कपाट, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए करतारपुर गलियारे की तर्ज पर बनाया जा सकता है कॉरिडोर

केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह ने 76 साल के अंतराल के बाद बने मंदिर में मूर्ति की स्थापना के दौरान नई दिल्ली से सभा को ऑनलाइन संबोधित किया और इसका वर्चुअली उद्घाटन किया. कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ से लगभग 100 पुजारियों ने इस समारोह में हिस्सा लिया.

तीतवाल मंदिर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 9:18 AM IST

सरकार पंजाब में करतारपुर गलियारे की तर्ज पर शारदा पीठ तीर्थ यात्रा के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एक गलियारा खोलने का प्रयास करेगी. इस कदम से पाकिस्तान के साथ जुड़ाव और जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के तीतवाल में नियंत्रण रेखा (एलओसी) को फिर से खोलने की आवश्यकता होगी, जिसे अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने के बाद अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया था.

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कुपवाड़ा जिले के तीतवाल में शारदा देवी मंदिर का वर्चुअली उद्घाटन करने के बाद यह घोषणा की. मंदिर एलओसी के साथ किशनगंगा नदी के तट पर बनाया गया है, जो जम्मू और कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य को विभाजित करता है. केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह ने 76 साल के अंतराल के बाद बने मंदिर में मूर्ति की स्थापना के दौरान नई दिल्ली से सभा को ऑनलाइन संबोधित किया.

दोनों देश के सुधरेंगे संबंध
शाह ने कहा,'रविंदर पंडिता ने कहा है कि शारदा पीठ को करतारपुर कॉरिडोर की तर्ज पर तीर्थयात्रियों के लिए खोला जाना चाहिए. भारत सरकार निश्चित रूप से इस दिशा में प्रयास करेगी. इसमें कोई दो राय नहीं है.' क्रॉस एलओसी व्यापार और श्रीनगर-मुजफ्फराबाद बस सेवाओं को 2019 से अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है. अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पीओके में तीर्थयात्रा के लिए एक गलियारा खोलना दोनों पक्षों के बीच संपर्क बहाल करने की दिशा में पहला बड़ा कदम होगा.

नीलम घाटी पर स्थित है मंदिर
प्राचीन शारदा मंदिर और शिक्षा का केंद्र या शारदा पीठ पीओके में नियंत्रण रेखा के पार नीलम घाटी में स्थित. श्री शाह ने कहा कि मंदिर का उद्घाटन एक युग की शुरुआत है और शारदा सभ्यता और शारदा लिपि की खोज की दिशा में एक कदम है. शाह ने कहा, "कुपवाड़ा में मां शारदा के मंदिर का पुनर्निर्माण शारदा सभ्यता की खोज और शारदा लिपि को बढ़ावा देने की दिशा में एक आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम है." कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ से लगभग 100 पुजारियों ने इस समारोह में हिस्सा लिया. यहीं से जनवरी के महीने में मां शारदे की 5 धातु वाली मूर्ति मंगवाई गई थी.विभाजन से पहले देवी का तीतवाल मंदिर विश्व प्रसिद्ध शारदा मंदिर का आधार शिविर था. तीतवाल का मंदिर 1947 में हमलावरों ने नष्ट कर दिया था.

 

Read more!

RECOMMENDED