प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (26 जुलाई) को प्रगति मैदान में कन्वेंशन हॉल के उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन के दौरान युगे-युगीन भारत नेशनल म्यूजियम (Yuge Yugeen Bharat) का जिक्र किया. पीएम मोदी द्वारा घोषित प्रस्तावित संग्रहालय दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा, जो भारत के समृद्ध और विविध इतिहास को समाहित करेगा.
कैसे पड़ा नाम?
म्यूजियम का नाम युगे युगीन भारत संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है "सनातन भारत" है, जो देश की विरासत को दर्शाता है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, म्यूजियम लगभग 1.17 लाख वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र को कवर करेगा, जिसमें बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और दो एडिशनल फ्लोर में फैले लगभग 950 कमरे होंगे. यह म्यूजियम राष्ट्रपति भवन के बगल में उत्तरी और दक्षिणी ब्लॉक में होगा जाकि भारत की सांस्कृतिक और विरासत को बड़े पैमाने पर दर्शाता होगा. 1930 के दशक में एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने इसे डिजाइन किया था. ये प्रतिष्ठित ब्लॉक लंबे समय से भारत के शासन, आवास प्रमुख मंत्रालयों और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का केंद्र रहा है.
कैसा है म्यूजियम?
युगे युगीन भारत राष्ट्रीय म्यूजियम का लक्ष्य भारतीय इतिहास के 5,000 सालों को संजोना है. यह विभिन्न युगों की महिमा, जीवंत संस्कृतियों, जीव-जंतुओं, वनस्पतियों और भारतीय विद्वानों के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करेगा. म्यूजियम मौर्य, गुप्त और कुषाण जैसे प्राचीन भारतीय साम्राज्यों को भी श्रद्धांजलि देगा और ब्रिटिश कब्जे के दौरान किए गए संघर्षों को प्रदर्शित करेगा. म्यूजियम साइंस, टेक्नोलॉजी और गणित में भारत के योगदान को भी प्रदर्शित करेगा.
कहां बनाया जाएगा म्यूजियम
नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक की मौजूदा इमारतों को नेशनल म्यूजियम में बदल दिया जाएगा. साल 2021 में, सरकार ने नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को म्यूजियम में बदलने की योजना की घोषणा की थी. केंद्रीय सचिवालय परिसर के उत्तरी और दक्षिणी ब्लॉक 1930 के दशक के दौरान बनाए गए थे. साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय हैं, जबकि नॉर्थ ब्लॉक में वित्त और गृह मंत्रालय हैं.
कवर किया गया कुल क्षेत्रफल
यह म्यूजियम 1.17 लाख वर्ग मीटर के क्षेत्र को कवर करेगा जिसमें 950 कमरे एक बेसमेंट, ग्राउंड और दो और मंजिलें होंगी. इस इमारत में भारतीय सभ्यता की निरंतर यात्रा का पता लगाने वाले विभिन्न खंड होंगे.