इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में इंडियन आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने आने वाले समय में सीमा पर चुनौतियों और उनसे निपटने के लिए सेना की तैयारियों पर बात की. जनरल पांडे ने कहा कि सेना को आधुनिक बनाया जा रहा है. आने वाले समय की चुनौतियों के हिसाब से सैनिकों को तैयार किया जा रहा है. इस दौरान जनरल पांडे ने चीन के साइबर वॉरफेयर से मुकाबले के लिए सेना की तैयारियों का भी जिक्र किया.
चाइनीज बोलने वाले युवाओं को रिक्रूट क्यों करना चाहती सेना-
आर्मी चीफ ने कहा कि धीरे-धीरे युद्ध का तरीका बदल रहा है. भविष्य में ड्रोन वॉरफेयर, साइबर अटैक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी चुनौतियों से निपटना होगा. पांडे ने कहा कि हम ऐसे लोगों को रिक्रूट करना चाहते हैं, जो चीन की मैंडारिन भाषा समझते हों. चीनी भाषा जानते हों. इतना ही नहीं, वो टेक्निकल तौर पर दक्ष हों. इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जानकारी रखने वाले युवाओं को भी सेना प्राथमिकता दे रही है.
भविष्य में छोटे और मारक युद्ध होंगे-
आर्मी चीफ ने कहा कि हमें परंपरागत हथियारों पर फोकस करना होगा. इसके अलावा सीमाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा. युद्ध को लेकर उन्होंने कहा कि युद्ध कम समय के लिए होना चाहिए, ताकि वो जल्दी से खत्म हो सके. आर्मी चीफ ने कहा कि भविष्य की लड़ाइयां छोटी और मारक होंगी.
युद्ध में संतुलन पर ध्यान देना होगा-
आर्मी चीफ मनोज पांडे ने कहा कि सीमा की सुरक्षा के लिए हर क्षेत्र पर फोकस करना होगा. सैनिकों को इग्नोर नहीं किया जा सकता. यूक्रेन के सैनिकों ने ही रूस की हालत खराब कर दी. सैनिकों को मल्टीटास्किंग बनाना होगा. सेना में एडवांस टेक्नोलॉजी को शामिल करना होगा, ताकि इसका इस्तेमाल अलग-अलग तरह के वॉरफेयर में किया जा सके. पांडे ने कहा कि हमें पुराने और नए युद्ध के तरीकों में संतुलन बनाना होगा.
जनरल पांडे ने अग्निवीरों की तारीफ की-
जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निवीरों के दो बैच तैयार हैं. इनकी ट्रेनिंग रेजिमेंटल सेंटर्स में चल रही है. जो अग्निवीर आए हैं, वो ट्रेनिंग, सेना और देश को लेकर बहुत ही पॉजिटिव हैं. भविष्य में अग्निवीरों को टेक्निकल विंग और कॉम्बैट विंग्स में शामिल करेंगे. उसके लिए उनको खास ट्रेनिंग दी जाएगी. उसके लिए तैयारी की जा रही है.
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