India Today GDB Survey: बिना टिकट के यात्रा, बिजली मीटर से छेड़खानी... सरकारी कर्मचारी को रिश्वत देना कितना सही? क्या है लोगों की राय, GDB सर्वे के ये आंकड़े हैरान कर देंगे

इंडिया टुडे ग्रुप (India Today Group) ने एनालिटिक्स फर्म हाउ इंडिया लिव्ज (How India Lives) और कैडेंस इंटरनेशनल (Kadence International) के साथ मिलकर देश का पहला सकल घरेलू व्यवहार सर्वे किया है. इस सर्वेक्षण में कई हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

GDB Civic Values
gnttv.com
  • लखनऊ,
  • 22 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:20 PM IST
  • सकल घरेलू व्यवहार पर हुआ सर्वे
  • हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए

बिना टिकट के यात्रा और बिजली मीटर से छेड़खानी को कानूनी रूप से गलत माना जाता है. इस बारे में देश के लोग क्या सोचते है? ये जानने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप (India Today Group) ने डेटा एनालिटिक्स फर्म हाउ इंडिया लिव्ज (How India Lives) के साथ मिलकर एक सर्वे किया.

ये जनमत सर्वेक्षण देश के 21 राज्यों और 1 केन्द्र शासित प्रदेश के 98 जिलों में किया गया. इस सर्व में 98 जिलों के 9,188 लोगों से अलग-अलग तरह के कई सवाल किए गए. इस सर्वे में 50.08% पुरुष और 49.2% महिलाएं थीं. इसमें से 54.4% शहरी और 45.6% लोग ग्रामीण क्षेत्र से थे.

सिविक वैल्यू के आधार पर इस सर्वे में राज्यों को रैंक देने के लिए 12 सवाल पूछे गए. इन सवालों से लोगों की सोच को जानने की कोशिश की गई. ये सवाल कूड़ा-कचरा फैलाने, रिश्वत देने, बिजली के मीटर से छेड़छाड़ और बिना टिकट के यात्रा से संबंधित थे. इंडिया टुडे के इस सर्वे से हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

बिना टिकट के यात्रा करना गलत
जीडीबी सर्वे के आंकड़ों से ये पता चला कि 85 फीसदी लोग बिना टिकट के यात्रा करना गलत मानते हैं. इसके बावजूद इंडियन रेलवे में 2023-24 में बिना टिकट के 3.6 करोड़ केस दर्ज किए गए हैं. रेलवे ने बिना टिकट के यात्रा करने पर 2.231.74 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. इस सर्वे के अनुसार, दिल्ली के 99% लोग बिना टिकट के सफर को गलत मानते हैं. वहीं पंजाब में सिर्फ 46 फीसदी लोग इस तरीके को गलत मानते हैं.

बिजली मीटर से छेड़छाड़ कितना गलत?
भारत में बिजली मीटर से छेड़छाड़ एक बड़ी समस्या है. देश के ज्यादातर राज्यों में इस वजह डिस्कॉम को भारी नुकसान होता है. इंडिया टुडे के इस सर्वे से पता चला कि 87 फीसदी लोग बिजली मीटर से छेड़छाड़ को गलत मानते हैं. इसके बावजूद लोग ऐसा करते हैं. केरल में सिर्फ 1% इसे सही मानते हैं. वहीं असम में 17% लोग मीटर से छेड़छाड़ करना सही मानते हैं.

61% लोग घूस देने को राजी
इस सर्वे में रिश्वत देने को लेकर हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इस सर्वे के अनुसार, 61% लोग मानते हैं कि कभी-कभी काम कराने के लिए रिश्वत देना जरूरी होता है. रिश्वत को लेकर अलग-अलग राज्यों में लोगों की सोच अलग देखने को मिलती है. तमिलनाडु में सिर्फ 18% लोग की घूस देन को सही मानते हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में 94 फीसदी लोगों को रिश्वत देने से कोई दिक्कत नहीं है.

भेदभाव के पैमाने में कौन अग्रणी
इंडिया टुडे के इस सर्वे में लोगों से लिंग, जाति और धार्मिक भेदभाव से जुड़े कुछ सवाल पूछे गए. सर्वे में नागरिक शिष्टाचार, सार्वजनिक सुरक्षा और स्त्री प्रवृत्तियां, विविधता के पैमाने पर सबसे आगे केरल रहा. अग्रणी राज्यों में तमिलनाडु दूसरे नंबर पर और पश्चिम बंगाल की तीसरे नंबर पर जगह मिली. वहीं फिसड्डी राज्यों में सबसे नीचे उत्तर प्रदेश रहा. इसके ऊपर पंजाब और गुजरात राज्य रहा.

बेटियों को मिलने चाहिए समान अवसर
इस सर्वे के मुताबिक, 93% लोगों का मानना है कि बेटियों को भी बेटों के समान पढ़ने-लिखने का मौका मिलना चाहिए. 84% लोग महिलाओं के घर से बाहर नौकरी करने के हक में हैं. 83 फीसदी लोगों का कहना है कि पति का पत्नी को पीटना पूरी तरह से गलत है. हालांकि, 69% लोग मानते हैं घर के बड़े मामलों में अंतिम फैसला पुरुषों को ही लेना चाहिए.

सार्वजनिक परिवहन में सेफ्टी
सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा रहा है. इस सर्वे से ये पता चलता है कि 86 फीसदी लोग सार्वजनिक वाहनों में सफर करते हुए सेफ महसूस करते हैं. महाराष्ट्र के 89% लोगों ने सार्वजनिक वाहनों में खुद को सुरक्षित माना है. वहीं पंजाब में सिर्फ 27 फीसदी लोग ही सार्वजनिक वाहनों में यात्रा करना सुरक्षित मानते हैं.

इंटर-कास्ट या इंटर-रिलीजन शादी?
इस सर्वेक्षण के मुताबिक, 70 फीसदी लोगों को पड़ोस में दूसरे धर्म के लोगों के साथ कोई दिक्कत नहीं होती है. 60 फीसदी लोग ऐसे हैं रोजगार के अवसरों में धार्मिक भेदभाव का विरोध करते हैं. इस सर्वे में ये खुलासा हुआ है कि 61 फीसदी लोग इंटर-रिलीजन शादी के खिलाफ हैं. वहीं 56% लोग इंटर-कास्ट शादी के खिलाफ हैं.

 

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