चीन की हरकतों से दुनिया वाकिफ है. लेकिन चीन की सीमा पर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत ने बड़ी तैयारी कर ली है. भारत अब अमेरिका के सबसे हाई टेक एमक्यू-9 बी प्रीडेटर ड्रोन को खरीदने की तैयारी कर रहा है. नौसेना दिवस से पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने साफ-साफ शब्दों में इशारा कर दिया कि समुद्री क्षेत्र में किसी एक देश के दबदबे को स्वीकार नहीं किया जा सकता.
अमेरिका से 30 ड्रोन खरीदेगा भारत
शनिवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बताया कि इस खरीद से जुड़ा मूल प्रस्ताव, चीन से लगी सीमा और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तीन अरब डॉलर की लागत से 30 सशस्त्र ड्रोन खरीदने का है. इस ड्रोन की सबसे खास बात यह है कि अमेरिका ने इसी ड्रोन की मदद से अलकायदा के सरगना अल जवाहिरी का खात्मा किया था.
वार्षिक सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए देश के नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, “राष्ट्रीय हितों की रक्षा और संरक्षण हमारी प्रमुख प्राथमिकता है. नौसेना 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर होने के लिए भी प्रतिबद्ध है, यह वो वक्त होगा जब भारत स्वतंत्रता के 100 साल मनाएगा.
क्या है इसकी खूबी?
एमक्यू-9 बी प्रीडेटर ड्रोन अमेरिका का सबसे हाई टेक ड्रोन है. खास बात ये है कि इसी ड्रोन से अमेरिकी सेना ने अलकायदा के सरगना अल जवाहिरी का खात्मा किया था. यह 35 घंटे तक हवा में रह सकता है. इसके अलावा 1900 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करने के अलावा यह 482 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकता है.
गौरतलब है कि भारत ने हालिया वक्त में हिंद महासागर के इलाके में दूसरे देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया है. हाल के दिनों में जो 6 बड़े युद्ध अभ्यास भारत ने किये हैं उनमें से एक मलेशिया के साथ, एक इंडोनेशिया के साथ, एक सिंगापुर के साथ, एक ऑस्ट्रेलिया के साथ और एक अमेरिका के साथ मिलकर किया गया. ये सैन्य अभ्यास भले ही समुद्र में नहीं हुए, लेकिन हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ होने के कारण उनकी अहमियत बड़ी है. वहीं, जापान सागर में हुई QUAD की मालाबार एक्सरसाइज में भारतीय नौसेना को जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिकी नौसेनाओं के साथ तालमेल बिठाने का मौका मिला. कुल मिलाकर इन अभ्यासों का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के दबदबे को रोकना है, और सागर और समृद्धि की भावना को बढ़ावा देना है.