आज भारतीय वायुसेना 90 साल की हो गई है. इस कड़ी में आज चंडीगढ़ में सुखना लेक पर शानदार एयर शो का आयोजन हुआ. जिसमें चीफ़ गेस्ट के रुप में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शिरकत की. साथ इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. इस खास मौके पर भारतीय वायु सेना (IAF) की नई लड़ाकू वर्दी को वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में पेश किया गया.
मेड इन इंडिया है IAF की नई लड़ाकू वर्दी
बता दें कि इस साल की शुरुआत में भारतीय सेना (Indian Army) ने भी अपनी नई वर्दी लॉन्च की थी. IAF की यह वर्दी भारतीय सेना की वर्दी से मिलती जुलती है. यह एक डिजिटल पैटर्न वर्दी है, जिसे भारतीय वायुसेना के ऑपरेशनल टास्क को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. साथ ही इसमें जूते के नए पैटर्न, एक लड़ाकू टी-शर्ट, नई वेब बेल्ट और टोपी और पगड़ी के नए पैटर्न भी शामिल हैं.
वर्दी की क्या है खासियत?
खास बात ये है कि IAF की नई लड़ाकू वर्दी पहने हुए वायुसेना के सात जवान आज वायुसेना दिवस परेड में शामिल भी हुए. पर्वतीय क्षेत्रों, मरुस्थलों और बर्फीले क्षेत्रों के मौसम के अनुकूल इस नई वर्दी को तैयार किया गया है. ये वर्दी इन वातावरणों में अधिक प्रभावी ढंग से काम करने में मदद करेगी. साथ ये भी बता दें कि यह मेड इन इंडिया वर्दी है, जिसे भारत में आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर डिजाइन किया गया है.
भारतीय वायुसेना की इस वर्दी में एक अलग कपड़े का इस्तेमाल किया गया है. यह कपड़ा शरीर के लिए बेहद हल्का है. नई वर्दी की यह डिजाइन वायुसेना के जवानों को आराम और दक्षता को बढ़ाता है. बता दें कि एर्गोनोमिक फिटिंग एक ऐसी विशेषता है, जो ड्यूटी पर तैनात पुरुष और महिला दोनों ही कर्मियों को अपनी परिचालन क्षमता को और अधिक सुगम बनाती है.
एयर चीफ मार्शल ने जवानों को किया संबोधित
वायुसेना दिवस के खास मौके पर जवानों को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि समय के मुताबिक वायु सेना खुद को हाईटेक कर रही है. उन्होंने कहा कि देश की रक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए मेड इन इंडिया पर जोर दिया जा रहा है. हमें अपनी ट्रेनिंग और योजनाओं को अब नई प्लानिंग के साथ जमीनी स्तर पर लाना होगा. हम इसके लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं. बता दें कि 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी, इसीलिए हर साल 8 अक्टूबर वायुसेना दिवस मनाया जाता है.पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था. भारत की वायुसेना द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुई, जिसके लिए किंग जार्ज VI ने सेना को 'रायल' प्रीफिक्स से नवाजा था.