Army Dress Regulations: कोई भी धार्मिक साइन, मेकअप या डिओडोरेंट, ज्वेलरी... जानें भारतीय सेना में किन चीजों की नहीं होती है अनुमति

भारतीय सेना में कई नियम हैं जो सभी को फॉलो करने होते हैं. वर्दी के साथ क्या पहना जा सकता है या नहीं इसको लेकर भी कई नियम हैं. भारतीय सेना के ये नियम डिफेंस सर्विसेज रेगुलेशन एंड आर्मी ड्रेस रेगुलेशन में बताए गए हैं.

Indian army soldiers (Photo via Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST
  • धार्मिक प्रतीकों को लेकर हैं कड़े नियम
  • भारतीय सेना में कई चीजों की नहीं होती अनुमति

बहुत कम लोग जानते हैं कि भारतीय सेना में किसी भी तरह का धार्मिक साइन या आभूषण नहीं पहना जा सकता है. आर्मी यूनिफॉर्म के कई सारे नियम हैं जिनका पालन सभी को करना होता है. जी हां, हाल ही में भारतीय सेना ने यूनिफॉर्म में धार्मिक प्रतीकों और आभूषण पहनने के संबंध में अपने दिशानिर्देशों को और मजबूत किया है. इतना ही नहीं मेकअप, डिओडोरेंट या ज्वेलरी पहनने की अनुमति नहीं होती है.

वर्दी के साथ क्या होते हैं नियम ? 

दरअसल, वर्दी के साथ क्या पहना जा सकता है या नहीं इसको लेकर कई नियम हैं. भारतीय सेना के ये नियम डिफेंस सर्विसेज रेगुलेशन एंड आर्मी ड्रेस रेगुलेशन में बताए गए हैं. ये दस्तावेज वर्दी के साथ क्या पहना जा सकता है और क्या नहीं, इसके बारे में बताता है. 

सेना के नियम कहते हैं: 

-वर्दी के साथ कोई अनधिकृत आभूषण या प्रतीक नहीं पहना जाना चाहिए. 

-सिग्नेट रिंग की अनुमति है. 

-वर्दी पहनते समय घड़ी की चेन और ट्रिंकेट की अनुमति नहीं है. इसमें ऐसी कोई भी सजावटी चेन या चीज नहीं पहनी जानी चाहिए जो वर्दी के बाहर लटकती है या दिखाई दे रही हो. 

धार्मिक प्रतीकों को लेकर कड़े नियम

-गले की चेन और धागा: गर्दन के चारों ओर कोई चेन या धागा दिखाई नहीं देना चाहिए. अगर किसी ने वे पहने हुए हैं तो उन्हें छुपाया जाना चाहिए ताकि वर्दी में वे दिखाई न दें. 

- कलावा: धार्मिक समारोहों के दौरान कर्मियों को कलाई पर एक ही धागा पहनने की अनुमति है. हालांकि, सिख अधिकारियों, जूनियर कमीशंड अधिकारियों (JCOs), और दूसरी रैंकों के साथ-साथ सिख सैनिकों की कमान संभालने वाले गैर-सिख अधिकारियों को 'कड़ा' पहनने की अनुमति है.

-चेहरे पर प्रतीक: वर्दी में रहते हुए चेहरे पर किसी भी तिलक, विभूति, या दूसरे धार्मिक प्रतीक नहीं दिखने चाहिए.

महिलाकर्मियों के लिए दिशानिर्देश

महिला कर्मियों के लिए दिशानिर्देश भी दिए गए हैं-

-मंगलसूत्र: विवाहित महिला कर्मी मंगलसूत्र पहन सकती हैं, लेकिन यह छिपा होना चाहिए और वर्दी पहनते समय दिखाई नहीं देना चाहिए.

-झुमके: महिलाएं छोटे सजावटी झुमके (मोती या रत्न) की एक जोड़ी पहन सकती हैं, बशर्ते उनका डायमीटर 5 मिमी से ज्यादा न हो. 

-नाक छिदवाना: हालांकि महिला कर्मी अपनी नाक छिदवा सकती हैं, लेकिन उन्हें वर्दी में कोई भी स्टड पहनने की अनुमति नहीं है. मेस ड्रेस में, 2.5 मिमी डायमीटर से ज्यादा न होने वाले छोटे, न्यूट्रल कलर के स्टड की अनुमति है. 

-अंगूठियां: महिलाएं बाएं हाथ की अनामिका पर एक सगाई, शादी, एटर्निटी रिंग पहन सकती हैं. 

-मेकअप और कॉस्मेटिक: कॉस्मेटिक को लेकर नियम सख्त हैं. महिला कर्मियों को लिपस्टिक, रंगीन नेल पॉलिश, नकली पलकें, आईलाइनर या काजल लगाने की अनुमति नहीं है. वे धूप से सुरक्षा के लिए केवल ट्रांसपेरेंट नेल वार्निश और हल्का चेहरे पर फाउंडेशन क्रीम लगा सकती हैं. 

-सिंदूर: बालों के बीच में सिन्दूर लगाया जा सकता है, लेकिन बेरेट या पीक कैप पहनते समय यह दिखाई नहीं देना चाहिए. 

-मेंहदी: वर्दी में या ड्यूटी के दौरान हाथों पर मेहंदी लगाना सख्त वर्जित है. 

-परफ्यूम और डिओडोरेंट: कर्मियों को वर्दी में रहते हुए डिओडोरेंट और परफ्यूम सहित कोई भी फ्रेग्रेंस लगाने से मना किया जाता है. हालांकि, आफ्टर-शेव लोशन की अनुमति है.

इन सभी नियमों का उद्देश्य सभी कर्मियों के बीच एक प्रोफेशनल और सुरक्षित वातावरण बनाना है. इन नियमों का पालन करके, सेना के जवान न केवल अपनी वर्दी की गरिमा और अखंडता को बनाए रखते हैं, बल्कि ये भी दिखाते हैं कि वे सब एक हैं. 
 

 

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