Indian Army Fitness Protocol: भारतीय सेना बदलने जा रही फिटनेस के नियम, वजन बढ़ा तो कट सकती हैं छुट्टियां

सैनिकों को फिजिकल फिटनेस असेसमेंट कार्ड मेंटेंन रखना होगा और टेस्ट के रिजल्ट 24 घंटे के अंदर जारी करने होंगे. फिजिकल स्टैंडर्ड से मेल नहीं खाने वाले सैनिकों को लिखित में काउंसलिंग दी जाएगी. उन्हें वजन कम करने और फिजिकल फिटनेस ठीक करने के लिए 30 दिन का समय भी दिया जाएगा.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST
  • क्या है फिटनेस के नए नियम 
  • फिटनेस टेस्ट नहीं करने पर क्या होगा

भारतीय सेना के फिटनेस नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. भारतीय सेना में घटते शारीरिक मानकों और जीवनशैली संबंधी होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए एक नई नीति लागू होने जा रही है. नए नियमों पर खरा नहीं उतरने वाले सैनिकों को सुधार के लिए केवल 30 दिनों का समय दिया जाएगा. अगर इस समयसीमा के भीतर कुछ सुधार नहीं होता है तो सैनिकों की छुट्टियां भी काटी जा सकती हैं.

ब्रिगेडियर रैंक का अधिकारी रखेगा नजर
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, हर सैनिक के पास आर्मी फिजिकल फिटनेस असेसमेंट कार्ड (एपीएसी) भी जरूरी होगा. इस कार्ड में उनकी सेहत से जुड़ी हर जानकारी होगी. इन नए बदलावों के अनुसार, हर तीन महीने पर होने वाले इन टेस्ट पर ब्रिगेडियर रैंक का एक अधिकारी नजर रखेगा. इससे पहले कमांडिंग ऑफिसर 6 महीने पर फिजिकल टेस्ट कराता था. लेकिन अब सभी को फिजिकल फिटनेस असेसमेंट कार्ड मेंटेंन करना पड़ेगा.

क्या हैं फिटनेस के नए नियम 
सेना के सभी कमांड को भेजे गए लेटर में बताया गया है कि इस नई पॉलिसी का मकसद टेस्टिंग प्रॉसेस में एकरूपता लाना, पाठ्यक्रमों के दौरान अधिकारियों के शारीरिक रूप से अयोग्य या मोटापे से ग्रस्त, विदेशी पोस्टिंग और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने जैसे मुद्दों से निपटना है. फिलहाल हर तीन महीने में बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (BPET) और फिजिकल प्रोफिशिएंसी टेस्ट (PPT) होता है. बीपीईटी में एक सैनिक को 5 किलोमीटर की दौड़, 60 मीटर की तेज दौड़, रस्सी के सहारे ऊपर चढ़ना और समयसीमा के भीतर 9 फीट के गड्ढे को पार करना होता है. इसके अलावा पीपीटी में 2.4 किलोमीटर की दौड़, 5 मीटर शटल, पुश अप्स, चिन अप्स, सिट अप्स और 100 मीटर की स्प्रिंट होती है. इसके अलावा स्विमिंग टेस्ट भी होता है लेकिन वहीं जहां सुविधाएं उपलब्ध हैं.

कई और टेस्ट भी पास करने होंगे
कंमाडिंग ऑफिसर इन टेस्ट की सालाना Annual Confidential Report (ACR) तैयार करता है. लेकिन नए गाइडलाइन में इसके लिए एक बोर्ड बनाया गया है जिसमें ब्रिगेडियर रैंक तक के अधिकारी बोर्ड की अध्यक्षता करेंगे. इसमें दो कर्नल और एक मेडिकल ऑफिसर (एमओ) भी शामिल होंगे और हर तीन महीने में फिजिकल फिटनेस का आकलन करेंगे. तीन महीने में होने वाले बीपीईटी और पीपीटी टेस्ट के अलावा अब वार्षिक 50 मीटर स्वीमिंग टेस्ट के साथ हर छह महीने में 10 किमी स्पीड मार्च और 32 किमी रूट मार्च होगा.

सुधार के लिए मिलेगा 30 दिन का समय
सैनिकों को फिजिकल फिटनेस असेसमेंट कार्ड मेंटेंन रखना होगा और टेस्ट के रिजल्ट 24 घंटे के अंदर जारी करने होंगे. फिजिकल स्टैंडर्ड से मेल नहीं खाने वाले सैनिकों को लिखित में काउंसलिंग दी जाएगी. उन्हें वजन कम करने और फिजिकल फिटनेस ठीक करने के लिए 30 दिन का समय भी दिया जाएगा. अगर इस दौरान उनमें कोई सुधार नहीं होता तो उनकी छुट्टियों और टीडी कोर्सेज में कटौती की जाएगी.

 

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