लाइन ऑफ कंट्रोल पर जिस तरह की चुनौतियां सेना को झेलनी पड़ती हैं, सुरक्षा बलों की वैसी ही तैयारी कराई जा रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि LOC पर तैनात होने वाले BSF के कमांडो को आर्मी के 7 पैरा कमांडो ट्रेनिंग दे रहे हैं.
BSF के 70 कमांडो हाल ही में शिलॉन्ग से जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं. उनको इस बार बॉर्डर पर तैनाती से पहले आर्मी के पैरा कमांडो टीम ट्रेनिंग दे रही है. एलओसी पर जिस तरह की ऑपरेशनल जरूरतें है उसके लिए जवानों को आर्मी और BSF एक साथ मिलकर तैयार कर रही है.
नई चुनौतियां, नए तरीके
BSF के IG कश्मीर रेंज राजा बाबू सिंह ने BSF और 7 पैरा कमांडो के साथ ट्रेनिंग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कश्मीर थिएटर पर लाइन आफ कंट्रोल को गार्ड करना बड़ी चुनौती होती है. इस क्षेत्र में ज्यादा दृढता और टफनेस की जरूरत है. पहले भी जो पलटन एलओसी पर तैनात होने के लिए आती रही हैं उनके लिए एक सिस्टम रहा है.
पर इस बार यह नए दौर का कश्मीर है, नया चैलेंज है. इसलिए हमने स्पेशल फोर्सेज , जो आर्मी के पैरा कमांडो है उनसे बात की और उनके ट्रेनर्स को ट्रेनिंग के लिए बुलाया. आज BSF की नई जरूरतें हैं. नए वेपन सिस्टम, नए सर्विलांस इक्विपमेंट हैं जिनके लिए उनको स्पेशल फोर्सेज के जरिए ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है.
बीएसएफ आईजी राजा बाबू सिंह ने ये भी कहा कि जब से बीएसएफ, लाइन ऑफ कंट्रोल पर आर्मी के साथ डेप्लॉयमेंट हुआ है तब से अच्छे आउटपुट मिल रहे हैं. इन दिनों चैलेंज बढ़ रहे हैं और उसी के मुताबिक हमारी तैयारी अच्छी हो रही है. इसीलिए इस बार हम आर्मी की स्पेशल प्रोसेस से अपने ग्रुप को ट्रेनिंग दिला रहे हैं ताकि बॉर्डर की चुनौतियों से निपटा जा सके.
123 आतंकियों को किया ढेर
सुरक्षा बल इस समय भी आतंकियों के खिलाफ ताबड़तोड़ ऑपरेशन कर रहे हैं. बॉर्डर पर सक्रियता बढ़ाते हुए BSF और आर्मी अपनी ऑपरेशनल क्षमता मजबूत कर रही है. तो हिंटर लैंड में CRPF, आर्मी और जम्मू कश्मीर पुलिस आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन करने में जुटी है.
सुरक्षा महकमे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सुरक्षा बलों ने अब तक 123 आतंकियों को अलग-अलग ऑपरेशन में ढेर किया है. जिनमें 30 से ज़्यादा आतंकी पाकिस्तानी थे. सुरक्षा बलों के सूत्रों ने बताया कि इस समय आतंकियों के खिलाफ एग्रेसिव ऑपरेशन किये जा रहे हैं. ऑपरेशन ऑल आउट के तहत चलाये जा रहे अभियान में सुरक्षा बलों का इस समय अपर हैंड है.
हालांकि, आतंकी संगठन अभी भी घुसपैठ और भोले-भाले युवाओ को भड़का कर रिक्रूट करने की फ़िराक में हैं. इस साल मई तक 65 युवा आतंक की राह पकड़ चुके हैं. सूत्रों ने जानकारी दी है कि कश्मीर घाटी में अब भी लगभग 158 के आसपास विभिन्न आतंकी मौजूद हैं.
सूत्रों के मुताबिक इसमे सबसे ज्यादा आतंकी लश्कर -ए -तैयबा के है, जिनकी संख्या 83 बताई जा रही है. वही जैश के 30 और हिजबुल मुजाहिद्दिन के 38 आतंकी कश्मीर घाटी में मौजूद हैं. ख़ुफ़िया एजेंसियां के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने एक दर्जन से ज्यादा टेरर कैम्प्स को दोबारा सक्रिय किया है.
नए टेरर कैम्प और लॉन्च पैड सक्रिय
सूत्रों ने बताया कि POK में आतंकियों की ट्रेनिंग कैंप मुजकफरबाद, लीपा वैली और तेंजिन में बड़े स्तर पर शुरू किए हैं. जहाँ 500 से 700 आतंकी ट्रेनिंग पा रहे हैं. यही नहीं 11 जगहों पर लॉन्च पैड भी बड़ी तादात में सक्रिय किया है. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों जानकारी दी है कि इस समय पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई ने ज़ुरा, खोई, छेजुआ खतरनाक लॉन्च पैड्स सक्रिय किये हैं.
नौगाम सेक्टर में पिछले साल की अपेक्षा इस साल भारी संख्या में आतंकी मौजूद है. यहां पर ISI 6 नए लॉन्च पैड को सक्रिय कर आतंकी भेजने की कोशिश में लगा है.