भारतीय वायु सेना ने अपनी पुख्ता तैयारियों का प्रदर्शन करते हुए मंगलवार को पूर्वी समुद्र तट पर सुखोई लड़ाकू विमान (Sukhoi fighter aircraft) से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. वायु सेना ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये मिसाइल परीक्षण भारतीय नौसेना के साथ समन्वय में किया गया है. इस मिसाइल ने सटीकता के साथ लक्ष्य पर निशाना साधा है. यानी कि ये मिसाइल दुश्मन के ठिकाने पर बिना चूके निशाना साधेगी.
सेना ने ट्वीट कर दी जानकारी
इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय वायु सेना ने ट्वीट किया है. सेना ने अपने ट्वीट में लिखा, "आज पूर्वी समुद्री तट पर वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया. मिसाइल ने लक्ष्य के तहत भारतीय नौसेना के रिटायर हो चुके जहाज पर सीधा प्रहार किया. यह परीक्षण भारतीय नौसेना के साथ क्लोज को-ऑर्डिनेशन में किया गया.
वायुसेना ने भी किया ट्वीट
वायुसेना ने भी इस बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट किया कि, "एक उन्नत मॉड्यूलर लॉन्चर से आईएनएस द्वारा सफल पहली ब्रह्मोस फायरिंग ने एक बार फिर फ्रंटलाइन प्लेटफॉर्म से एकीकृत नेटवर्क केंद्रित संचालन के सत्यापन के साथ ब्रह्मोस की लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता का प्रदर्शन किया."
पिछले महीने नौसेना ने किया था परीक्षण
भारतीय वायु सेना से पहले भारतीय नौसेना ने 5 मार्च को हिंद महासागर में एक स्टील्थ विध्वंसक पोत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos supersonic cruise missile) के अपडेटेड वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. इस मिसाइल का परीक्षण आईएनएस चेन्नई से किया गया था. ये मिसाइल दुनिया की सबसे सक्षम मिसाइलों में से एक है.
2016 में सुखोई से जुड़ा था ब्रह्मोस
2016 में भारत सरकार ने ब्रह्मोस के हवा में मार करने में सक्षम एडिशन को 40 से ज्यादा सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का फैसला किया था. ये परियोजना समुद्र या जमीन पर किसी भी बड़े लक्ष्य पर ‘स्टैंड-ऑफ रेंज’ से हमला करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई थी. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दुश्मन पर एकदम सटीक निशाना साधती है, और उसे ध्वस्त कर देती है.