32 वर्षीय भारतीय मूल की महिला हरप्रीत चंडी ने अकेले दक्षिणी ध्रुव (South Pole) फतह कर लिया है. ब्रिटिश सैन्य अधिकारी हरप्रीत ने अंटार्कटिका तक इस 700 मील की यात्रा को पूरा किया है. इसकी जानकारी खुद हरप्रीत ने अपने ब्लॉग के जरिए दी है.
हरप्रीत चंडी ने अपने ब्लॉग में लिखा, "सभी को नमस्कार, 40 दिन बाद चेक इन कर रही हूं. मैं दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गई हूं, यहां बर्फबारी हो रही है. अभी बहुत सारे इमोशन्स महसूस कर रही हूं. मैं तीन साल पहले पोलर वर्ल्ड के बारे में कुछ नहीं जानती थी और अंत में यहां होना कितना वास्तविक लगता है. यहां पहुंचना कठिन था और मैं सभी को उनके सपोर्ट के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं.
हम अपनी सीमाएं खुद बनाते हैं
उन्होंने आगे लिखा, "ये यात्रा हमेशा मुझसे बहुत अधिक थी. मैं लोगों को अपनी सीमाओं से आगे बढ़ने और खुद पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं. मुझे कई मौकों पर कहा गया कि बस नार्मल काम करो, लेकिन हम अपना खुद का ‘नार्मल’ बनाते हैं. आप जो कुछ भी चाहते हैं उसके लिए आप सक्षम हैं. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां से हैं या आपकी शुरुआत कहां से हुई है, हर कोई कहीं न कहीं से शुरू होता है.
24 नवंबर को की थी यात्रा शुरू
हरप्रीत को सभी ‘पोलर प्रीत’ के नाम से जानते हैं. वहीं उनके दोस्त उन्हें केवल प्रीत बुलाते हैं. उन्होंने 24 नवंबर को अपनी यात्रा शुरू की थी. प्रीत, डेली ब्लॉग लिखती हैं, उन्होंने रविवार को अपने 39वें दिन सूचना दी कि जिस ऊंचाई पर मैं हूं, वहां निश्चित रूप से बहुत ठंड महसूस होती है. अब मैं दक्षिणी ध्रुव से 15 समुद्री मील दूर हूं. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं लगभग वहां पहुंच चुकी हूं. काफी दिन हो गए हैं लेकिन मैं अच्छा कर रही हूं और अब मैं लक्ष्य के बहुत करीब हूं. यहां मौसम जल्दी बदल सकता है. कल बहुत ठंड थी, टेम्परेचर शून्य से 45 डिग्री नीचे था.”
दुनिया की सबसे ठंडी जगह अंटार्कटिका
दरअसल, अंटार्कटिका पृथ्वी पर सबसे ठंडा, सबसे ऊंचा, सबसे शुष्क और सबसे हवा वाला महाद्वीप है. वहां कोई भी नहीं रहता है. जब मैंने पहली बार आइल लिए प्लान करना शुरू किया तो मुझे महाद्वीप के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी और इसी ने मुझे वहां जाने के लिए प्रेरित किया. उम्मीद है कि मेरा कुछ ऐसा करना जो मुझे मेरे कम्फर्ट जोन से इतना दूर धकेल दे, दूसरों को खुद पर विश्वास करने और अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा.
19 साल की उम्र में हो गयीं थीं ब्रिटिश आर्मी में शामिल
हरप्रीत चंडी महज 19 साल की उम्र में आर्मी रिज़र्व ज्वाइन किया था. वहीं, पांच साल पहले वे रेगुलर आर्मी में शामिल हो गईं. एक क्लीनिकल ट्रेनिंग ऑफिसर के रूप में काम करते हुए हरप्रीत ने मिलिट्री मेडिक्स को ट्रेन करने में मदद की.
बचपन में दादा ले आये थे भारत से ब्रिटेन
हरप्रीत ने अपना पहला ब्लॉग अपने दादा को समर्पित किया था. उन्होंने उसमें लिखा, “यह ब्लॉग मेरे बाबा जी को जाता है, जिन्होंने 99 साल की उम्र तक एक अविश्वसनीय लंबा जीवन जिया. जब मैं पैदा हुई तो वे यूके चले आये और मेरा पालन-पोषण किया. उन्होंने हमेशा मुझे उस समुदाय में उतना ही महत्वपूर्ण महसूस कराया जहां मुझे कभी-कभी ऐसा लगता था कि मैं कम हूं. मुझे मेरे दादा सांता क्लॉस जैसे लगते थे, नीली आंखें, एक सफेद दाढ़ी और सबसे अच्छा दिल. थैंक यू बाबा जी मुझे यह बताने के लिए कि मैं भी उतना ही महत्वपूर्ण हूं. मुझे आशा है कि आप इस यात्रा के लिए मुझ पर नजर रख रहे हैं."
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