भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में हाल ही में लॉन्च किए गए एसी-3 इकोनॉमी (3ई) क्लास को खत्म करने का फैसला किया है. रेलवे की नई सेवा महज 14 महीने पहले शुरू हुई थी. अब इसे AC-3 में मिला दिया जाएगा. पिछले साल सितंबर में, 3E को किराए के मामले में राहत के रूप में पेश किया गया था. सामान्य AC-3 कोचों की तुलना में इसका किराया 6-7 प्रतिशत कम होता था.
अब तक, यात्री AC-3 इकोनॉमी टिकट को "3E"की एक अलग श्रेणी के तहत उन स्पेशल ट्रेनों में बुक कर सकते थे जहां रेलवे ऐसी सीटों की पेशकश करता था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार ऐसी कई ट्रेनों में अब 3ई श्रेणी के तहत टिकट अगले कई महीनों तक उपलब्ध नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि सभी ट्रेनों में 3ई को एसी-3 से मिलाने की प्रक्रिया अगले चार महीने में पूरी कर ली जाएगी. एसी-3 इकोनॉमी कोच में सामान्य एसी-3 कोच की तुलना में लेग स्पेस कम होता है.
कैसे था अलग?
कथित तौर पर एसी 3ई में किफायती कीमत में बेहतर सुविधाएं और अधिक बर्थ होती हैं.अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में 11,277 सामान्य एसी-3 कोचों की तुलना में 463 एसी-3 इकोनॉमी कोच हैं. इसलिए इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एसी-3 इकोनॉमी कोच में सामान्य एसी-3 कोच की तुलना में यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं हैं और ऐसे कोचों में लिनेन उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है जो अब तक उपलब्ध नहीं था. उन्होंने कहा कि लिनेन मुहैया कराने की अतिरिक्त लागत करीब 60-70 रुपये प्रति यात्री है.
जबकि सामान्य एसी-3 कोच में 72 बर्थ होती हैं, प्रत्येक एसी-3 इकोनॉमी कोच में 83 बर्थ होती हैं. रेलवे ने दावा किया था कि अधिक सीटों वाले नए कोच दुनिया में "अपनी श्रेणी में सबसे सस्ती वातानुकूलित" ट्रेन यात्रा की पेशकश करते हैं.
मोबाइल ऐप से बुक हो सकता था टिकट
इससे पहले भारतीय रेलवे ने यात्रियों को गैर-उपनगरीय खंडों पर एक स्टेशन से 20 किमी तक की दूरी से यूटीएस मोबाइल ऐप पर अनारक्षित टिकट बुक करने की अनुमति देकर राहत दी थी, जो अब 5 किमी से अधिक है. उपनगरीय क्षेत्रों में, दूरी को मौजूदा 2 किमी से बढ़ाकर 5 किमी कर दिया गया है. दैनिक यात्री ट्रेनों और लंबी दूरी की ट्रेनों के सामान्य डिब्बों में यात्रा करने वाले यात्रियों की लंबे समय से चली आ रही मांग पर रेलवे बोर्ड ने नए निकटता मानदंडों को प्रभावी करते हुए सभी जोन को नए निर्देश जारी किए.