Indian Railways: सीनियर सिटीजन को रेलवे का बड़ा तोहफा! वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में मिलने वाली छूट फिर हो सकती है शुरू

ट्रेन से सफर करने वाले सीनियर सिटीजनों के लिए रेलवे फिर से एक सेवा बहाल कर सकती है. एक रिपोर्ट में स्लीपर क्लास और थर्ड एसी यात्रियों के लिए तत्काल यात्री के रूप में रेल यात्रियों को वरिष्ठ नागरिक रियायत बहाल करने की सिफारिश की है

Indian Railways
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:02 AM IST

भारतीय रेलवे कुछ विशेष कैटेगरी में वरिष्ठ नागरिक रियायत (Senior citizen concession)को बहाल करने की योजना बना रहा है. इसे कोविड के बाद ट्रेन सेवा शुरू होने के समय बंद कर दिया गया था.

लोकसभा में चार संसद सदस्यों ने प्रश्न पूछा था कि क्या संसदीय स्थायी समिति ने 4 अगस्त 2022 को अपनी रिपोर्ट में स्लीपर क्लास और थर्ड एसी यात्रियों के लिए तत्काल यात्री के रूप में रेल यात्रियों को वरिष्ठ नागरिक रियायत बहाल करने की सिफारिश की है? इस पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया, "रेलवे पर स्थायी समिति ने स्लीपर क्लास और 3एसी में वरिष्ठ नागरिकों को रियायत की समीक्षा करने और विचार करने की सलाह दी है.

कोविड के बाद कर दी थी बंद
COVID-19 महामारी में ढील के बावजूद रेलवे के लिए वरिष्ठ नागरिक रियायतों को फिर से शुरू नहीं करने के कारणों पर एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, रेल मंत्री ने कहा, "सरकार ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी. यह रेलवे में यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को औसतन 53% की रियायत की राशि है. यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी है. इस सब्सिडी राशि से आगे की रियायतें दिव्यांगजन, छात्रों और रोगियों जैसी कई श्रेणियों के लिए जारी हैं.

अब क्या है विचार?
इससे पहले, एक संसदीय समिति ने सिफारिश की थी कि वरिष्ठ नागरिक रियायतों की समीक्षा की जाए और कम से कम स्लीपर क्लास और एसी 3-टियर ट्रेन यात्रा के लिए "तत्काल" बहाल किया जाए. सिफारिश में आगे कहा गया कि समिति की इच्छा है कि वरिष्ठ नागरिकों को रियायत जो कोविड से पहले उपलब्ध थी उसे कम से कम स्लीपर और थर्ड एसी में यात्रा करने वालों सीनियर सिटीजन को दी जाए ताकि कमजोर और वास्तव में जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक इन वर्गों में सुविधा का लाभ उठा सकें.

4 अगस्त को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में, रेलवे की स्थायी समिति ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को पहले उनके रेल किराए में 40-50 प्रतिशत की रियायत दी जाती थी, लेकिन COVID-19 संकट के दौरान इस प्रथा को रोक दिया गया था. इसने मंत्रालय से "give up" योजना का व्यापक प्रचार करने का भी आग्रह किया, जो वरिष्ठ नागरिकों को स्वेच्छा से अपनी रियायतें छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है. रेल मंत्रालय ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में कहा है कि महामारी को देखते हुए यात्रियों की सभी श्रेणियों (दिव्यांगजन की चार श्रेणियों और रोगियों और छात्रों की 11 श्रेणियों को छोड़कर) को दी जाने वाली रियायतें वापस ले ली गई हैं.

 

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