Indian Railways: अगर दिवाली-छठ पर जा रहे हैं घर तो ट्रेन में ये गलती ना करें, वरना पछताना पड़ेगा

दिवाली और छठ के त्योहार पर कई लोग जो अपने घर से दूर रहते हैं घर जाएंगे. इस दौरान वो ट्रेन से सफर करते हैं. ज्यादातर लोग त्योहार के करीब होने से जरूरी चीेजें या फिर पटाखे खरीद कर ट्रेन में ले जाते हैं. लेकिन अब आप ऐसा नहीं कर पाएंगे. इसके लिए आप पर जुर्माना लग सकता है.

रेलवे ने दी ट्रेन में पटाखे ना ले जाने की चेतावनी (Representative Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST
  • पटाखे, गैस सिलेंडर ले जाना हुआ मना
  • लगेगा 1000 रुपये का जुर्माना

त्योहारों का सीजन आ रहा है. दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इसके बाद छठ का त्योहार पडे़गा. इस दौरान कई लोग जो अपने परिवार से दूर रहते हैं, इस समय अपने घर ट्रेन से जाते हैं. ट्रेन में भारी भीड़ को देखते हुए और जनता को कंट्रोल करने के लिए रेलवे ने कई तरह के नियम निकाले हैं. भारतीय रेलवे ने सफर के दौरान कुछ ट्रेन में कुछ चीजें ले जाने से मना किया है. अगर आप इन नियमों को तोड़ते हैं तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है.

अक्सर देखा गया है कि दीवाली पर जो लोग बाहर रहते हैं वो पटाखे खरीदकर घर पर बच्चों के लिए ले जाते हैं. वह इन्हें ट्रेनों से लेकर जाते हैं. ये उनके और साथ में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए खतरनाक हो सकता है.

किन चीजों को ले जाने की मनाही?
रेलवे ने सफर के दौरान पटाखे या कोई भी ज्वलनशील पदार्थ या सामग्री साथ लेकर जाने से मना किया है. वेस्ट सेंट्रल रेलवे ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करके इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्विट में लिखा, ट्रेन में पटाखे ले जाकर आप अपनी और दूसरों की जिंदगी को जोखिम में डाल सकते हैं. इनको ट्रेन में लेकर जाना दंडनीय अपराध है. रेलवे ने अपनी पोस्ट के जरिए कई नियम जारी किए हैं. जैसे यात्री पटाखे, गैस सिलेंडर और गन पाउडर जैसे विस्फोटक समान ट्रेन में नहीं ले जा सकते. इसके अलावा ट्रेन में केरोसीन, पेट्रोल और फिल्म जैसी ज्वलनशील चीजें भी लेकर जाना मना है. ट्रेन के कोच में स्टोव जलाने और रेलवे स्टेशन या फिर कंपर्टमेंट में सिगरेट-बड़ी पीने पर भी जर्माना लग जाएगा.

हो सकती है जेल
रेलवे ने साफ कर दिया है कि अगर आप खतरनाक या ज्वलनशील पदार्थ लेकर जाते हैं तो इसके लिए आपको अच्छा खासा जुर्माना और यहां तक कि जेल की सजा भी हो सकती है. रेलवे एक्ट 1989 के तहत सेक्शन 164 और सेक्शन 165 के तहत ऐसा करने वाले यात्रियों पर 1 हजार रुपये का जुर्माना और तीन साल की कैद की सजा या फिर दोनों हो सकती हैं.


 

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