भारतीय रेलवे ने पटना जंक्शन सहित पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर डिवीजन के सभी प्रमुख स्टेशनों पर एआई-पावर्ड फेस रिकगनिशन सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाई है. सिस्टम को आपराधिक रिकॉर्ड के डेटाबेस से जोड़ा जाएगा और वॉन्टेड लोगों की पहचान करने और रेलवे स्टेशनों पर अपराध को रोकने में मदद मिलेगी. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पहल सुरक्षा और यात्री सुरक्षा बढ़ाने के भारतीय रेलवे के प्रयासों का हिस्सा है.
ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बीरेंद्र कुमार ने मीडिया से कहा कि भारतीय रेलवे यात्रियों की यात्रा के दौरान और रेलवे प्लेटफार्मों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि पटना जंक्शन एक प्रमुख रेलवे केंद्र है जहां प्रतिदिन लगभग 3 से 4 लाख यात्री आते हैं. इसलिए, रेलवे की योजना सभी प्रमुख स्टेशनों पर हवाई अड्डों की तरह अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली प्रदान करने की है. उन्होंने यह भी कहा कि चेहरे की पहचान प्रणाली रेलवे परिसरों में आपराधिक गतिविधियों को रोकने में मददगार साबित होगी.
कम से कम 200 स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव
भारतीय रेलवे ने कम से कम 200 स्टेशनों की सुरक्षा में व्यापक परिवर्तन करने की योजना बनाई है, जिनमें से कुछ पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के अधिकार क्षेत्र में भी शामिल हैं. यह आतंकवादियों, माओवादी संगठनों और आदतन अपराधियों से बढ़ते खतरों के जवाब में किया जा रहा है. सुरक्षा उपायों में चेहरे की पहचान प्रणाली (FRS), लग्गेज स्कैनर, स्निफर और रैंडम सामान जांच आदि जैसी पहल की जाएंगी.
आतंकवादियों और माओवादियों के खतरों पर है फोकस
आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यात्रियों को नुकसान से बचाने के लिए इन सुरक्षा उपायों की तत्काल जरूरत है. उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड में आतंकवादियों और माओवादियों का खतरा विशेष रूप से चिंताजनक है. अधिकारी ने यह भी कहा कि रेलवे सभी यात्रियों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. ये सुरक्षा उपाय आज की जरूरत हैं क्योंकि आतंकवादियों, माओवादी संगठनों, महिला यात्रियों के उत्पीड़न और आदतन अपराधियों का खतरा ज्यादातर स्टेशनों पर बड़े पैमाने पर मंडरा रहा है.