वंदे भारत ट्रेन की तर्ज पर वंदे मेट्रो सर्विसेज लॉन्च करेगा भारतीय रेलवे...क्या होंगी सुविधाएं? क्या है रेलवे का प्लान, जानिए

वंदे भारत ट्रेन की तर्ज पर वंदे मेट्रो लॉन्च करेगा भारतीय रेलवे.वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक मिनी वर्जन वंदे मेट्रो, बड़े शहरों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अपने कार्यस्थल और घर के बीच आराम से यात्रा करने के लिए विकसित किया जाएगा.

Vande Bharat
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

भारतीय रेलवे निकट भविष्य में देश भर में चल रही वंदे भारत ट्रेनों की तर्ज पर वंदे मेट्रो की सेवाएं शुरू करेगा. संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2023 पेश किए जाने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक मिनी वर्जन वंदे मेट्रो, बड़े शहरों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अपने कार्यस्थल और घर के बीच आराम से यात्रा करने के लिए विकसित किया जाएगा.

वित्त मंत्री के भाषण में वंदे भारत ट्रेनों का उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन वैष्णव के बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुख्य आकर्षण इसके एक मिनी वर्जन की घोषणा थी. मंत्री ने कहा, "राज्य के आस-पास के इलाकों के यात्रियों के लिए यात्रा को आसान बनाने के लिए वंदे मेट्रो ट्रेन, पूरी तरह से पीएम मोदी के विजन के तहत भारत में निर्मित, जल्द ही देश में शुरू की जाएगी."

मंत्री ने कहा, "हम वंदे मेट्रो भी विकसित कर रहे हैं... बड़े शहरों के आसपास, बड़ी बस्तियां हैं जहां से लोग काम या आराम के लिए बड़े शहर में आना चाहेंगे, और अपने घर वापस जाना चाहेंगे." ये काम वंदे भारत के जैसी वंदे मेट्रो के साथ आसानी से किया जा सकता है. इस साल डिजाइन और प्रोडक्शन का काम पूरा हो जाएगा और अगले वित्त वर्ष में ट्रेन के प्रोडक्शन में रैंप-अप किया जाएगा.''

क्या होंगी सुविधाएं?

  • यात्रियों के लिए ये रैपिड शटल जैसा अनुभव होगा.
  • रेलवे पहले से ही सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के स्लीपर वर्जन पर काम कर रहा है.
  • ये ट्रेनें आठ कोच की होंगी और मेट्रो ट्रेन की तरह होंगी.सामान्य वंदे भारत ट्रेनों में 16-कार की संरचना होती है.

रेल मंत्रालय ने चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) और लखनऊ स्थित रिसर्च डिज़ाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (RDSO) के महाप्रबंधकों (GMs) को आठ-कार वाली वंदे भारत ट्रेनों के रेक जल्द से जल्द उतारने का निर्देश दिया है.

किन लोगों को होगा फायदा?
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों को छोटी कारों के साथ चलाने का फैसला यात्रियों, खासकर व्यापारियों, छात्रों और कामकाजी वर्ग के लोगों के लिए वरदान साबित होगा, जो विभिन्न बड़े शहरों की यात्रा करना चाहते हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा,"आज का बजट भारत को पूरी दुनिया के लिए विकास का इंजन बना देगा. जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भारत को आशा की किरण के रूप में देख रही है, बजट में उस दृष्टिकोण की परिकल्पना की गई है.बजट समाज के हर वर्ग के जीवन में बदलाव लाने की कोशिश करता है. मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं."

क्या है वंदे भारत को लेकर प्लान?
वर्षों से रेलवे में निवेश की कमी ने इसे अपनी क्षमता हासिल करने से रोक रखा था. यह 2.41 लाख करोड़ की पूंजी उस अंतर को पाट देगी. वैष्णव ने कहा कि यह रेलवे में यात्रा करने वाले हमारे 800 करोड़ यात्रियों की आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम बनेगा. मंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण अब आईसीएफ चेन्नई के अलावा लातूर (महाराष्ट्र), सोनीपत (हरियाणा) और रायबरेली (उत्तर प्रदेश) में भी किया जाएगा.

उन्होंने कहा, "आपने देखा कि कैसे वंदे भारत ट्रेन को विश्व स्तरीय ट्रेन के रूप में स्वीकार किया गया है. इससे उत्पादन में तेजी आएगी." उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के अंत तक रेलवे हर हफ्ते करीब दो या तीन नई वंदे भारत ट्रेनें चलाने में सक्षम हो जाएगा.उन्होंने यह भी कहा कि भारत को दिसंबर 2023 तक अपनी पहली हाइड्रोजन ट्रेन मिल जाएगी जो पूरी तरह से स्वदेशी निर्मित होगी.

 

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