रक्षा क्षेत्र में भारत की ताकत और बढ़ गई है. जी हां, भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने Ballistic Missile का सफल परीक्षण किया है. यह मिसाइल बिना GPS दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है. चीन और पाकिस्तान ने अब सीमा पर कोई भी हिमाकत की तो दोनों की खैर नहीं है.
रॉक्स के नाम से भी जाना जाता है
भारत ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू जेट से नई बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. भारतीय वायु सेना की हवा से प्रक्षेपित यह बैलिस्टिक मिसाइल 250 किलोमीटर से अधिक दूरी के लक्ष्य को भेद सकती है. यह मिसाइल इजराइल मूल की क्रिस्टल मेज 2 एयर-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रॉक्स (ROCKS) के नाम से भी जाना जाता है. मालूम हो कि भारतीय वायु सेना मेक इन इंडिया के तहत इजराइल से हासिल की गई मिसाइल प्रणाली का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की दिशा में काम करने जा रही है.
तेज गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती है यह मिसाइल
भारतीय वायु सेना ने ROCKS मिसाइल को सुखोई-30 (Su-30) लड़ाकू विमान से दागा था. पहले यह मिसाइल ऊपर की ओर गई और फिर तेज गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए टीक निशाना साधने में कामयाब रही. ROCKS मिसाइल पहले ऊपर की ओर यात्रा करती है और फिर तेज गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती है. क्रिस्टल मेज 2 क्रिस्टल मेज 1 से बिल्कुल अलग है, जिसे इजराइल से भारतीय वायु सेना में बहुत पहले शामिल किया गया था. क्रिस्टल मेज 2 एक विस्तारित स्टैंड-ऑफ रेंज एयर-टू-सतह (हवा से जमीन पर मार करने वाली) मिसाइल है.
दुश्मन के ठिकानों को कर सकती है नेस्तनाबूद
भारतीय वायु सेना क्रिस्टल मेज 2 एयर-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल का उपयोग दुश्मनों के लंबी दूरी के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों जैसे लक्ष्यों पर हमला करने के लिए कर सकती है. दावा किया गया है कि यह मिसाइल बिना जीपीएस लोकेशन के भी अपने टारगेट पर निशाना लगा सकती है यानी यह उन जगहों पर भी सटीक हमला कर सकता है जहां जीपीएस काम नहीं करता है.जैसा कि कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने किया था. इसके अलावा यह बैलिस्टिक मिसाइल वायु रक्षा प्रणालियों को भी झांसा देकर दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकती है.
(मंजीत नेगी की रिपोर्ट)