कहते हैं हौसला अगर बड़ा हो तो उम्र मायने नहीं रखती. इसे ही सच कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश की साक्षी कोचर ने. साक्षी भारत की सबसे कम उम्र की कमर्शियल पायलट बन गई हैं. इससे पहले ये रिकॉर्ड पायलट मैत्री पटेल के नाम पर था. मैत्री की उम्र 19 साल की थी. 30 मई 2005 को जन्मीं साक्षी ने सबसे कम उम्र की पायलट का खिताब अपने नाम किया है. वह हिमाचल प्रदेश के परवाणू शहर की रहने वाली हैं.
साक्षी कहती हैं, “जब मैं बच्ची थी, मुझे लगता था कि केवल पक्षी ही उड़ सकते हैं. और फिर मैं फ्लाइट में उड़ी और मैं आश्चर्यचकित रह गई. मुझे वास्तव में यह जानने की जिज्ञासा हुई कि एक फ्लाइट कैसे काम करती है और मैंने इसके बारे में बहुत शोध किया और कई वीडियो देखे.''
डॉ. एडी मानेक से ली ट्रेनिंग
बता दें कि साक्षी और मैत्री दोनों ने फ्लाइट इंस्ट्रक्टर कैप्टन डॉ. एडी मानेक से ट्रेनिंग हासिल की थी. 30 मई, 2023 को, साक्षी ने अपने 18वें जन्मदिन पर, कमर्शियल पायलट लाइसेंस हासिल किया, जिससे वह भारत की सबसे कम उम्र की कमर्शियल पायलट बन गईं. साक्षी ने कुल साढ़े सात महीने में अपने फ्लाइट Hour के लक्ष्य को पूरा किया है.
10 साल की उम्र से बनना चाहती थी पायलट
परवानू की रहने वाली साक्षी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि वह हमेशा से एक ऐसे पेशे में जाना चाहती थी जो लीक से हटकर हो. वे शुरू में कोरियोग्राफर बनना चाहती थी. इसे लेकर साक्षी कहती हैं, “मैं हमेशा से जानती थी कि मैं कुछ अनोखा करना चाहती हूं. मैं वो रेगुलर 9-5 वाली जॉब नहीं करना चाहती थी. सबसे पहले मेरा इंटरेस्ट डांस में था, लेकिन बाद में मेरा रुझान पायलट बनने की ओर बढ़ गया.'
साक्षी के पिता लोकेश कुमार की मानें तो वे 10 साल की उम्र तक वह पायलट बनने के बारे में आश्वस्त थीं. पिता लोकेश कुमार कहते हैं, “जब उसने हमें इसके बारे में बताया, तो हम थोड़ा डर गए. लेकिन उसके दादा-दादी ने फैसले का समर्थन किया और हमें अपना मन बनाने में मदद की.
12वीं में चुनी साइंस स्ट्रीम
चूंकि साक्षी एक पायलट बनने की इच्छा रखती थी, इसलिए उन्होंने 12वीं कक्षा में फिजिक्स और गणित विषयों के साथ साइंस स्ट्रीम को चुना. साक्षी कहती हैं, “कक्षा 12 में, मैंने गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर 10, चंडीगढ़ में पढ़ाई की और साइंस में दाखिला लिया क्योंकि एक पायलट बनने के लिए यह जरूरी है. उसके तुरंत बाद, मैं मुंबई में स्काईलाइन एविएशन क्लब में शामिल हो गई और कैप्टन एडी मानेक के अंडर चार महीने की फंडामेंटल ट्रेनिंग ली. चार महीने तक चलने वाली ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद एविएशन क्लब ने उन्हें एडवांस फ्लाइंग इंस्ट्रक्शन के लिए अमेरिका में अपनी अप्रूव्ड ट्रेनिंग साइट पर भेज दिया. पायलट ट्रेनिंग के लिए साक्षी 8,500 किलोमीटर की उड़ान भरकर अमेरिका पहुंचीं."
जन्मदिन के दिन ही मिला लाइसेंस
साक्षी ने अपनी पहले सोलो फ्लाइट 21 दिसंबर, 2022 को ली थी. इस साल, उन्हें 30 मई को अमेरिका से अपना कमर्शियल पायलट लाइसेंस मिला है. साक्षी कहती हैं, “यह मेरे लिए दोहरा जश्न था. इस दिन मेरा जन्मदिन भी आता है. मेरा परिवार मुझे वर्दी में देखकर बहुत गर्व महसूस कर रहा था.”
अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में साक्षी कहती हैं कि वह भारत में काम करना चाहती हैं, जिसके लिए उन्हें भारतीय कमर्शियल पायलट लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए वे तैयारी भी कर रही हैं.