INS Mahendragiri Launch: समंदर में उतरा नौसेना का जंगी जहाज महेंद्रगिरि, दुश्मनों को दूर से ही भांप लेने का रखता है दम

INS Mahendragiri Launch: अपने स्ट्रक्चर की वजह से दुश्मन महेन्द्रगिरि का आसानी से पता नहीं लगा सकते. बल्कि, 51KM/H की स्पीड के साथ ये दुश्मनों को दूर से ही भांप लेने का दम रखता है.

समंदर का सिकंदर
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST
  • पर्वत शृंखला पर रखा गया है इसका नाम
  • दुश्मन भी नहीं लगा सकेंगे इसका पता 

समंदर में एक और बाहुबली उतर गया है. ये और कोई नहीं बल्कि नौसेना का नया नवेला जंगी जहाज महेंद्रगिरि है. मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में 1 सितंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की पत्नी सुदेश धनखड़ ने इसे लॉन्च किया है. ये प्रोजेक्ट 17 अल्फा के तहत बनाया गया है. बेहतर स्टेल्थ फीचर्स, एडवांस हथियार और सेंसर से लैस INS महेंद्रगिरि सातवां और आखिरी स्टील्थ फ्रिगेट है. 

पर्वत शृंखला पर रखा गया है इसका नाम

इससे पहले INS विंध्यगिरी, INS नीलगिरि, INS हिमगिरि, INS उदयगिरि, INS दूनागिरि और INS तारागिरि भी लॉन्च किए जा चुके हैं. जिनके नाम पर्वत शृंखलाओं पर रखे गए थे. ठीक ऐसे ही INS महेन्द्रगिरि वॉरशिप का भी नाम ओडिशा में स्थित पूर्वी घाट की एक पर्वत चोटी के नाम पर रखा गया है.

बता दें, मझगांव डाक लिमिटेड की ओर से निर्मित यह चौथा युद्धपोत है. यह फ्रिगेट जहाज देश की समुद्री सुरक्षा में मील का पत्थर साबित होगा. 2025 और 2027 के बीच INS महेन्द्रगिरि की कमीशनिंग करने की बात हो रही है. 

इससे पहले भी हो चुके हैं कई वॉरशिप लॉन्च 

नीलगिरि और हिमगिरि को क्रमशः 2019 और 2020 में लॉन्च किया गया था. वहीं उदयगिरि, दूनागिरि, तारागिरि और विंध्यगिरी का लॉन्च मई 2022 में शुरू हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सभी नीलगिरि सीरीज के जहाजों को 2025 और 2027 के बीच चालू किया जाना निर्धारित है.

दुश्मन भी नहीं लगा सकेंगे इसका पता 

अपने स्ट्रक्चर की वजह से दुश्मन महेन्द्रगिरि का आसानी से पता नहीं लगा सकते. दुश्मन इसकी आवाज से इसे न पहचान लें इसके लिए शोर के लेवल को कम करने और रोकने के लिए रडार सिस्टम और इंजनों में एक एडजस्टेबल फीचर लगाया गया है. क्लब एंटी-शिप और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें शक्तिशाली स्ट्राइक क्षमताएं प्रदान करती हैं. 

इसकी लंबाई 143 मीटर और चौड़ाई 16.9 मीटर है और ये पेट्रोल और डीजल टर्बाइन द्वारा संचालित होते हैं. फ्रिगेट में 37 अधिकारियों सहित अधिकतम 257 लोग रह सकते हैं।

एडवांस सुविधाओं से होगा लैस 

महेंद्रगिरि में 76 मिमी बंदूक, दो 30 मिमी एके -630 एम एंटी-एयरक्राफ्ट आर्टिलरी सिस्टम, दो टारपीडो ट्यूब, आठ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए लॉन्चर और 32 बराक -8 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें होंगी. इसका मेन रडार MF-STAR होगा.

स्वदेशी है यह वॉरशिप 

गौरतलब है कि नीलगिरि श्रेणी के युद्धपोतों को भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने इन-हाउस डिजाइन किया है. इसके 75 प्रतिशत पुर्जे भारत में ही बनाए गए हैं. नीलगिरि क्लास के चार वॉरशिप मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में और तीन गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता में निर्माणाधीन हैं. 
 

 

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