देश में केंद्र और राज्य सरकार बेटियों के उत्थान और उनकी सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही हैं ताकि उन्हें शिक्षा, पोषण और रोजगार के समान अवसर मिल सकें. आज हम आपको इन सरकारी योजनाओं के बारे में बता रहे हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार की एक विशेष बचत योजना है जो विशेषतौर पर बेटियों के लिए है. यह लड़कियों की शिक्षा और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए शुरू की गई हैं. इस योजना के तहत, माता-पिता अपनी बेटी के नाम पर बैंक या डाकघर में खाता खोल सकते हैं और उसकी पढ़ाई या शादी के लिए बचत कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत, माता-पिता को एक साल में कम से कम 250 रुपए का निवेश करना होता है और मैक्सिमम आप 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम पर आपको 8.2 फीसदी ब्याज मिलता है. आप अपनी नवजात बच्ची से लेकर 10 साल की बेटी तक के लिए इस योजना के तहत निवेश कर सकते हैं.
एक बार खाता खोले के बाद आपको 15 साल तक खाते में निवेश करना होगा. इस अकाउंट को लड़की के 21 वर्ष तक या 18 वर्ष की आयु के बाद उसकी शादी होने तक चलाया जा सकता है. एक परिवार की दो बेटियों के लिए ही खाता खोला जा सकता है. हालांकि, अगर आपकी बच्चियां ट्रिप्लेट्स हैं तो आप तीन खाते खोल सकते हैं. लेकिन अगर आपकी दो बेटियां ट्विन्स हैं और एक बेटी का जन्म बाद में हुआ है तो इस केस में भी आप दो ही खाते खोल सकते हैं. इस स्कीम में निवेश करने से आपको इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80 C के तहत टैक्स में फायदा मिलता है. साथ ही, इस स्कीम में प्रमुख निवेश, मैच्योरिटी राशि और मिलने वाले ब्याज सभी पर टैक्स छूट है.
बालिका समृद्धि योजना
इस योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 1997 को हुई थी. यह योजना गरीब परिवारों की लड़कियों के लिए चलाई जा रही है. इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों की बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा और शादी तक आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य इन परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देना और उनकी विवाह योग्य उम्र को बढ़ाना है. यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत आती है. इस स्कीम के तहत नवजात शिशु के जन्म के बाद बालिका की मां को 500 रू. दिए जाते हैं.
इसके बाद, जब बच्ची स्कूल जाना शुरू करती है तो बालिका को 300 रुपये से 1000 रू. तक की वार्षिक छात्रवृत्ति मिल सकती है. लड़की की 18 वर्ष की आयु के बाद शेष राशि में से पैसा निकाल सकते हैं. यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में रहने वाली बच्चियों के लिए है. आवेदक महिला एवं बाल विकास विभाग की वेबसाइट से बालिका समृद्धि योजना फॉर्म मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.
लाडली लक्ष्मी योजना
मध्यप्रदेश सरकार बेटियों के लिए लाडली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojana) चला रही है. इसके तहत मध्य प्रदेश की निवासी बेटियों को ही लाभ मिलेगा. यह योजना वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी. इस स्कीन के तहत बेटियों को स्कॉलरशिप दी जाती है. इसमें सरकार बेटी के 6वीं कक्षा में दाखिला लेने पर 2,000 रुपये, 9वीं कक्षा के दाखिला होने पर 4,000 रुपये और 12 वीं में दाखिला होने पर पर 6,000 रुपये/सालाना देती है।
इसके अलावा बेटी के 21 वर्ष पूरे होने के बाद उसके विवाह के लिए 1 लाख रुपये भी दिए जाते हैं. इस योजना के तहत आवेदन करने वाला परिवार मध्य प्रदेश का निवासी होना चाहिए और उनकी इनकम टैक्स स्लैब में न आती हो. लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए फॉर्म आपके गांव / इलाके के स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र से मिल जाएगा. फॉर्म को आवश्यक दस्तावेजों की कॉपी के साथ लड़की के जन्म के 1 वर्ष के भीतर उनके गांव / इलाके के आंगनवाड़ी केंद्र में जमा करना होगा.
हरियाणा की लाडली योजना
लाडली योजना हरियाणा सरकार खासतौर पर बेटियों की स्थिति को समाज में सुधारने के लिए चला रही है. इस योजना का उद्देश्य समाज की छोटी मानसिकता और बालिकाओं के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करना है. यह योजना हरियाणा राज्य सरकार ने 20 अगस्त 2015 शुरू की थी. इस स्कीम के तहत किसी एक परिवार में दूसरी बेटी के जन्म पर 5000 रू. की आर्थिक मदद दी जाती है. यह पैसा बालिका व उसके साता व पिता के नाम पर एक किसान विकास पत्र में निवेश किया जाता है और यह निवेश बालिका के 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद ब्याज सहित परिवार को दे दी जाती है.
लाडली योजना के लिए आवेदन करने के लिए नज़दीकी आगनवाड़ी केंद्रों से फॉर्म ले सकते हैं. फॉर्म को पहली व दूसरी बालिका दोनों के जन्म प्रमाण पत्र के साथ स्थानीय क्षेत्र के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या स्वास्थ्य कर्मचारी के साथ भरना होगा और जमा करना होगा. आप लाडली योजना आवेदन फॉर्म को आधिकारिक सरकारी वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं.
CBSE Udaan Scholarship स्कीम
लड़कियों के लिए सीबीएसई उड़ान स्कॉलरशिप प्रोग्राम शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुरू किया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिला छात्रों को प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों से डिग्री प्राप्त करने में मदद करना है. यह योजना 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए उपलब्ध है. इस योजना का उद्देश्य छात्राओं की प्रगति को ट्रैक करने के लिए नियमित मूल्यांकन करना है और मुफ्त ऑनलाइन लर्निंग भी देना है जिसमें वीडियो लेक्चर, स्टडी मेटेरियल और प्रैक्टिस पेपर शामिल हैं.
इस स्कॉलरशिप के लिए 11वीं और 12वीं की वही छात्राएं अप्लाई कर सकती हैं जो फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्य पढ़ रही हैं. साथ ही, छात्रा की वार्षिक पारिवारिक आय 6 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. स्कॉलरशिप के लिए विशिष्ट नियमों के तहत मेरिट–आधारित चयन होता है.