International Labour day 2022: सन् 1886 तक अमेरिका में मजदूरों की बड़ी दुर्दशा थी, ना तो उन्हें समय पर वेतन मिलता था, और उनके काम करने का समय भी काफी ज्यादा था. हालांकि जब ये अत्याचार बढ़ने लगा तो उसी साल 1 मई को अपने काम की स्थितियां बेहतर बनाने के लिए मजदूरों ने हड़ताल शुरू कर दी. उनकी मांग थी कि काम के घंटे को 15 घंटों से घटाकर 8 घंटे कर दिया जाए. अपनी मांग को पूरा करने के लिए उन मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन आखिरकार उन्हें सफलता मिली, और उसी का नतीजा है कि अब हम सब अपने दफ्तरों में केवल 8 घंटे काम करने लगे.
अलग देशों में अलग दिन पर मनाया जाता है
आज 1 मई है, यानी श्रमिक दिवस. लेकिन खास बात ये है, दुनिया भर में श्रमिक दिवस केवल अलग-अलग नामों से ही नहीं बल्कि अलग-अलग दिन भी मनाया जाता है. वैसे तो इंटरनेशनल लेबर डे के लिए एक मई ही निर्धारित है लेकिन कई देशों में इसे अलग दिन मनाया जाता है. हालांकि इसको मनाने का उद्देश्य लोगों को श्रमिकों और उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक करना है. अमेरिका में 135 साल पहले शुरू हुए इस आंदोलन को दुनिया भर में मजदूर दिवस, लेबर डे, मई डे जैसे नामों से जाना जाने लगा.
अमेरिका में भी 1 मई को नहीं मनाते लेबर डे (labour day america)
लेबर डे को लेकर दो दिलचस्प बातें भी हैं. 1886 में जिस हड़ताल को मजदूरों को लिए अहम माना जाता है, उसमें सबसे महत्वपूर्ण दिन 4 मई का था. चूंकि शिकागो में हुई गोलीबारी में उसी दिन 4 मजदूर मारे गए थे, जबकि 100 मजदूर घायल हुए थे. वहीं दूसरी दिलचस्प बात ये है कि खुद अमेरिका में सितंबर महीने के पहले सोमवार को नेशनल लेबर डे मनाया जाता है.
तो ऐसे 1 मई को मनाया जाने लगा लेबर डे
शिकागो में हुए हादसे के बाद जब यूरोप में प्रदर्शन होने लगे तो उसके लिए 1 मई का ही दिन चुना गया. शिकागो वाले आंदोलन के कारण ही एक दिन छुट्टी का भी रखा गया. उसके बाद 1 मई 1890 से यूरोप और अमेरिका में शिकागो के हादसे के लिए प्रदर्शन किया जाने लगा. यहां तक कि आज भी दुनिया के कई देशों में एक मई को मजदूरों के लिए छुट्टी का दिन होता है.
भारत में इस दिन है मजदूर दिवस (labour day in india)
भारत में भी मजदूर दिवस 1 मई को मनाया जाने लगा. भारत में सबसे पहले मजदूर दिवस 1923 में मनाया गया. इसे पहली बार चेन्नई में वामपंथियों ने मनाया था. उसके बाद से देश में कई मजदूर संगठन 1 मई से ही मजदूर दिवस मनाने लगे. आज भी देश में श्रमिक दिवस मनाया जा रहा है, और कई राज्यों में 1 मई को राजकीय अवकाश रहता है.