International Yoga Day 2024: दो बार कैंसर को मात देकर पेश की मिसाल, जानिए कैसे योग से बदली इस मां ने अपनी जिंदगी

आज International Yoga Day के मौके पर हम आपको बता रहे हैं राधिका तलाती के बारे में, जिन्होंने योग की मदद से कैंसर को हराया है और अब लोगों को योग सिखाती हैं.

Radhika Talati (Photo: Instagram/@raadhikaiyer)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 21 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST
  • राधिका ने दो बार कैंसर को हराया 
  • लाइफस्टाइल को पूरी तरह से बदला

आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम अपनी जीवनशैली पर फोकस करें. एक बार खुद थोड़ा ठहरकर अपनी लाइफस्टाइल के बारे में सोचें और देखें कि आपको कहां बदलाव की जरूरत है. बदलते समय और वातावरण में सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम खुद को अंदर से हील करें और ऐसा करने का सबसे अच्छी तरीका है योग. हम सब जानते हैं योग करने से न सिर्फ आप शारीरिक पर मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर भी खुद को मजबूत बना सकते हैं. 

और आज बहुत से उदाहरण हैं ऐसे लोगों के जिन्होंने योग के जरिए अपनी जिंदगी को पूरी तरह से बदला है. ऐसी ही एक कहानी आज हम आपको बता रहे हैं. यह कहानी है गुजरात से ताल्लुक रखने वाली राधिका अय्यर तलाती की, जिन्होंने योग के जरिए न सिर्फ कैंसर जैसी बीमारी को हराया है बल्कि एक सफल उद्यमी के तौर पर पहचान भी बनाई है. राधिका आज वडोदरा में एक योग फाउंडेशन और Anahata Organic नाम से अपना ब्रांड चला रही हैं. 

राधिका ने दो बार कैंसर को हराया 
साल 2000 में राधिका ने पहली बार कैंसर का सामना किया. तब उनको गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer) हुआ था. जिसके लिए उनको काफ़ी मुश्किल ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ा था. हालांकि, इसके बाद वह ठीक हो गईं. पर उनकी जिंदगी एक बार फिर मुश्किल में आ गई जब उन्हें कुछ साल बाद ब्रैस्ट कैंसर का पता चला. कैंसर से उनकी यह जंग दूसरी बार थी. इस समय तक वह मां बन चुकी थीं और इसलिए उनके लिए इस बीमारी से लड़ना और जीतना और ज्यादा जरूरी हो गया. 

राधिका का कहना है कि जब दूसरी बार उन्हें कैंसर का पता चला तो वह समझ गईं कि उन्हें सिर्फ ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें पूरी तरह से अपनी लाइफस्टाइल को बदलना होगा. उन्हें अपने एक रिश्तेदार से योग, नेचुरोपैथी और आयुर्वेद के बारे में पता चला. इस बार उन्होंने मन और बॉडी की इंटरनल हीलिंग की राह पर चलने का फैसला किया. राधिका कहती हैं कि योग और आयुर्वेद किसी भी बीमारी का जादुई इलाज नहीं हैं. यह आपकी बीमारी और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है. राधिका खुशकिस्मत थीं कि तब तक उनका ब्रेस्ट कैंसर फर्स्ट स्टेज पर था और उनके पास विकल्प था कि वह एक अलग ट्रीटमेंट चुन सकें.     

लाइफस्टाइल को पूरी तरह से बदला
राधिका को नियमित व्यायाम और सही डाइट समय पर लेने के बाद भी कैंसर का फिर से सामना करना पड़ा. तब उन्हें एहसास हुआ कि एक्सरसाइ और डाइट ही स्वस्थ रहने के लिए काफ़ी नहीं है. शरीर,आत्मा और मन को भी पोषण की जरूरत है. इसलिए वह पहाड़ों में जाकर रहने लगीं और इस दौरान उन्होंने खुद को योग से जोड़ा. पहाड़ों में अपने इलाज के दौरान उनका प्रकृति, स्वस्थ भोजन, और योग के प्रति खिचांव बढ़ने लगा था. 

इसके साथ-साथ उन्हें माउंटेनीयरिंग से प्यार हो गया. वह उन कुछ महिलाओं में से हैं जिन्होंने पंच कैलाश पर्वत का ट्रैक पूरा किया है. उन्होंने अपने तीन बच्चों के साथ माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई की और साथ ही, रॉयल एनफील्ड बाइक से लद्दाख और मनाली की यात्रा भी पूरी की. 

शुरू किया अपना बिजनेस 
पहाड़ों में कई महीने बिताने के बाद, राधिका वडोदरा वापस आई और साल 2010 में एक योग फाउंडेशन स्थापित किया. उनका कहना है कि उनका विचार ज्ञान का प्रसार करना है. इस दौरान उन्होंने Anahata Organic- एक ऑर्गेनिक केयर ब्रांड  शुरू करने का फैसला किया. इस ब्रांड ने सितंबर 2020 में जैविक खाना, स्टेपल, साथ ही स्किन केयर प्रोडक्ट्स का निर्माण शुरू कर दिया. 

उनक टीम में 70 प्रतिशत स्थानीय महिलाएं हैं जो वडोदरा और पूरे गुजरात के आसपास के गांवों से आती हैं. राधिका आज सबको यही सलाह देती हैं कि सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाने पर फोकस करना चाहिए. 

 

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