गांव के स्कूलों में फ्री सैनिटरी नैपकिन बंटवा रहे हैं जमशेदपुर के पैडमैन तरुण कुमार, 50 से अधिक स्कूलों में बनवा चुके हैं पैड बैंक

लिम्का बुक में नाम दर्ज करवाने वाले तरुण कुमार आज भी ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में लड़कियों के लिया पैड बैंक बनवा रहे हैं. गांव में जागरूकता फैलाने के लिए गांव की दीदी की भई मदद ली जा रही है. इसके अलावा महिलाओं को स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है. खासकर कोरोना के समय जब ज्यादातक बाजार बंद रहे ऐसे में इस पैड बैंक ने कई महिलाओं की मदद की.

Jamshepur Padman Tarun Kumar (Representative Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST
  • लॉकडाउन के समय लोगों को हुई दिक्कत
  • स्कूल के प्रिंसिपल ने भी की तारीफ

लिम्का बुक में नाम दर्ज करवाने वाले तरुण कुमार आज भी ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में लड़कियों के लिया पैड बैंक बनवा रहे हैं. गांव में जागरूकता फैलाने के लिए गांव की दीदी की भई मदद ली जा रही है. इसके अलावा महिलाओं को स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है. खासकर कोरोना के समय जब ज्यादातक बाजार बंद रहे ऐसे में इस पैड बैंक ने कई महिलाओं की मदद की. इस मुहिम से प्रभावित होकर स्कूल के प्रिंसिपल भी लड़कियों के लिए पैड बैंक की स्थापना करवा रहे हैं.

लॉकडाउन के समय लोगों को हुई दिक्कत
तरुण कुमार नाम हर दिन सुबह अपनी बॉइक से ग्रामीण इलाकों की ओर निकल पड़ते हैं. तरुण ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में जाकर लड़कियों से बात करते हैं और उन्हें इसके इस्तेमाल के प्रति जागरूक करते हैं. आज गांव की अधिकतर लड़कियां पैड का इस्तेमाल करती हैं. लॉकडाउन के समय इन लोगों को थोड़ी दिक्कत जरूर हुई थी क्योंकि उस दौरान स्कूल बंद कर दिए गए थे हालांकि इसके बाद गांव में ही पैड बैंक बनवा कर इन महिलाओं की दिक्कतों को पूरा किया गया. अब तक सिर्फ जमशेदपुर के पास करीबन 50 से अधिक ग्रामीण स्कूलों मे यह पैड बैंक बन चुका है.

खुश हैं स्कूल की छात्राएं
स्कूल की ही एक छात्रा रश्मि महतो कहती हैं कि तरुण कुमार ने उन्हें पैड के इस्तेमाल के बारे बताया, जो वाकई उनके जीवन के लिया काफी जरूरी है. हमको किस तरह से रहना है, इसे कैसे इस्तेमाल करना है इन सबके बारे बतया गया, जो हमारे लिए काफी लाभदायक है. 

लिम्का बुक में दर्ज हो चुका है नाम
तरुण कुमार ने बताया कि लिम्का बुक में उनका नाम दो बार आ चुका है. हम ग्रामीण बालिकाओं के स्कूलों में जा कर स्कूल प्रबंधन और लड़कियों के साथ मिल कर पैड बैंक की स्थापना करते हैं. इसके साथ ही लड़कियों को जागरूक भी किया जाता है कि कैसे गलत चीज का इस्तेमाल करने से शरीर में बैक्टीरिया फैलने का डर रहता है. लॉकडाउन में स्कूल बंद हो जाने की वजह से हमने गांव में ही पैड बैंक लगा दिया ताकि किसी को आगे दिक्कत न हो. इसका संचालन गांव की दीदी करती हैं. 

स्कूल के प्रिंसिपल ने भी की तारीफ
वहीं गांव के प्रिंसिपल अभय कुमार सिंह भी तरुण की इस पहल से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा, हम इसको काफी पॉजिटिव रूप में ले रहे हैं. खासकर के ग्रामीण इलाकों के लोग माहवारी पर बात करने से संकोच करते हैं. आज पैडमैन की मदद से स्कूल में पैड बैंक की स्थापना हो गई है जोकि काफी अच्छी पहल है. यह ग्रामीण इलाकों के स्कूलों के लिया एक वरदान साबित हो रही है.

(जमशेदपुर से अनूप सिन्हा की रिपोर्ट)

 

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