Kamal Nath: Congress को अलविदा कह बेटे Nakul Nath संग BJP में शामिल हो सकते हैं कमलनाथ, ऐसी है MP के पूर्व सीएम की सियासी कहानी

MP Politics: कमलनाथ का जन्म यूपी के कानपुर में 18 नवंबर 1946 को हुआ था. लेकिन उन्होंने अपनी सियासी पारी की शुरुआत मध्य प्रदेश से की. कमलनाथ छिंदवाड़ा से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर 9 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वह पिछले दो बार से इस सीट से विधायक हैं. 

Kamal Nath (file photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST
  • अपने बेटे संग दिल्ली पहुंचे कमलनाथ
  • कांग्रेस से कई दिनों से चल रहे नाराज

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. इंडिया गठबंधन के साथ जहां सीटों को लेकर बात नहीं बन पा रही है तो वहीं इस पार्टी के पुराने नेता दामन छोड़ रहे हैं. अभी हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अशोक चव्हाण पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी के साथ जुड़ गए हैं, वहीं अब मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम व कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ के अपने बेटे नकुलनाथ के साथ बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं.

दिल्ली पहुंचे कमलनाथ
कमलनाथ अपने बेटे के साथ शनिवार को दिल्ली पहुंच गए हैं. उन्होंने देश की राजधानी में पहुंचने के बाद कांग्रेस को छोड़ने के लोकर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि यदि कोई ऐसी बात होती है तो वह खुद ही इसकी जानकारी देंगे. बीजेपी ज्वाइन करने की बात पर कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा कि यदि कोई ऐसी बात होगी तो मैं आप सभी को सबसे पहले जानकारी दूंगा. उधर, कमलनाथ के सांसद बेटे नकुलनाथ ने ‘X’ प्रोफाइल से कांग्रेस पार्टी के लोगो को हटा दिया है. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह अभी भी ये मानते हैं कि कमलनाथ सोनिया गांधी और इंदिरा गांधी के परिवार को नहीं छोड़ सकते.

जब इंदिरा गांधी ने कहा था- आप मेरे तीसरे बेटे कमलनाथ को वोट दें
कमलनाथ का जन्म यूपी के कानपुर में 18 नवंबर 1946 को हुआ था. लेकिन उन्होंने अपनी सियासी पारी की शुरुआत मध्य प्रदेश से की. कमलनाथ के पिता का नाम महेंद्र नाथ और मां का नाम लीला नाथ है. कमलनाथ ने 1973 में अलका नाथ से विवाह किया. दोनों के दो दो बेटे नकुलनाथ और बकुलनाथ हैं. संजय गांधी के स्कूली दोस्त कमलनाथ थे. दोनों की दोस्ती दून स्कूल से शुरू हुई थी. इमरजेंसी के बाद संजय गांधी गिरफ्तार किए गए तो उनको कोई परेशानी न हो इसके लिए जज के साथ बदतमीजी करके कमलनाथ तिहाड़ जेल पहुंच गए थे. 

इन वजहों से वह इंदिरा गांधी के भी खास हो गए थे. कांग्रेस ने पहली बार साल 1980 में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से कमलनाथ को टिकट दिया था. उस दौरान चुनाव प्रचार में इंदिरा गांधी ने जनता से कहा था, मैं नहीं चाहती कि आप लोग कांग्रेस नेता कमलनाथ को वोट दीजिए. मैं चाहती हूं कि आप मेरे तीसरे बेटे कमलनाथ को वोट दें.

छिंदवाड़ा से 9 बार रह चुके हैं सांसद 
कमलनाथ ने 1968 में युवा कांग्रेस से राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. उन्हें 1976 में यूपी के युवा कांग्रेस का प्रभार मिला. 1970 से 81 अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे. कमलनाथ 1979 में युवक कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक, 2000 से 2018 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे. वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. कमलनाथ छिंदवाड़ा से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर 9 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वह पिछले दो बार से इस सीट से विधायक हैं. कमलनाथ साल 1980 में पहली बार लोकसभा में चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. कमलाथन 1985 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की. इसके बाद 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी फतह हासिल की. 

कमलनाथ दिसंबर 2018 और मार्च 2020 के बीच एमपी के मुख्यमंत्री रहे. कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ इस समय छिंदवाड़ा से सांसद हैं. कमलनाथ 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री रह चुके हैं. 1995 से 1996 तक केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री, 2012 से 2014 तक शहरी विकास मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ रह चुके हैं.

कांग्रेस से नाराजगी के ये हैं प्रमुख कारण
1. इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा था. इसमें कांग्रेस को हार मिली. इसके बाद कांग्रेस ने इस हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ दिया. उन्हें एक तरह से पार्टी से अलग-थलग कर दिया गया.

2. विधानसभा चुनाव में हार के बाद बिना कमलनाथ की राय लिए प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया गया. इससे कमलनाथ काफी आहत हुए थे. हालांकि उन्होंने इसका सार्वजनिक मंच पर जिक्र नहीं किया था.

3. कमलनाथ 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र की राजनीति में सक्रिय थे. 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार के बाद वह फिर से दिल्ली जाना चाहते थे. लेकिन कांग्रेस के आला नेताओं ने उनकी एक नहीं सुनी. इस वजह से भी उनकी कांग्रेस से नाराजगी है.

4. कमलनाथ इस बार राज्यसभा का चुनाव लड़ना चाह रहे थे. लेकिन दिग्विजय सिंह के समर्थक अशोक सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार कांग्रेस की तरफ से बना दिया गया. यह बात भी पूर्व सीएम को अच्छी नहीं लगी.

5. कमलनाथ को पिछले कुछ दिनों से लग रहा था कि कांग्रेस के कुछ बड़े नेता उनके खिलाफ माहौल बना रहे हैं. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद उन्हें एक तरह से अलग-थलग कर दिया गया था. इस वजह से भी वह काफी आहत थे.


 

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