Karnataka Elections 2023: ये हैं कर्नाटक चुनाव के बड़े चेहरे, जानें किस दिग्गज का क्या हुआ

Karnataka Election Big Faces: इस बार के चुनाव में बसवराज बोम्मई, डीके शिवकुमार, एच डी कुमारस्वामी, बीवाई विजयेंद्र समेत कई बड़े चेहरों पर कांग्रेस, बीजेपी, और जेडी (एस) ने दांव लगाया है.

Karnataka Elections 2023
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2023,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

पूरे देश की नजर कर्नाटक चुनाव के परिणामों पर है. सभी जानना चाहते हैं कि आखिर उन दिग्गजों का क्या हुआ, जिनकी सियासी किस्मत दांव पर लगी है. इस बार के चुनाव में बसवराज बोम्मई, डीके शिवकुमार, एच डी कुमारस्वामी, बी वाई विजयेंद्र समेत कई बड़े चेहरों पर कांग्रेस, बीजेपी, और जेडी (एस) ने दांव लगाया है. इस बार मुख्य मुकाबला इन जबकि तीनों पार्टियों के बीच ही माना जा रहा है. आइए जानते हैं इस बार कर्नाटक चुनाव में ताल ठोंक रहे सियासी दिग्गजों का रिपोर्ट कार्ड :- 
 
1. बसवराज बोम्मई

बीजेपी नेता और कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शिग्गांव सीट से चुनाव जीत गए हैं. इस सीट पर कांग्रेस से पठान यासिर अहमद खान और जेडीएस से शशीधर येलिगार अपनी-अपनी पार्टियों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. बोम्मई को 100016 वोट मिले जबकि यासिर अहमद खान को 64038 और शशीधर को 13928 वोट मिले. 2018 के चुनाव में शिग्गांव सीट पर बोम्मई ने ही जीत हासिल की थी. पिछली बार कांग्रेस के सैयद अजीम पीर कादरी दूसरे और निर्दलीय उम्मीदवार सोमन्ना उर्फ ​​स्वामीलिंग बेविनमाराद तीसरे स्थान पर रहे थे.

2. डीके शिवकुमार 

कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डी के शिवकुमार कनकपुरा सीट से चुनाव जीत गए हैं. शिवकुमार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के आर अशोक को 41954 मतों के अंतर से हराया है. 2023 चुनाव में डीके शिवकुमार के सामने बीजेपी से आर अशोक और जेडीएस से बी नागराजू की चुनौती थी. सूबे के रामनगर जिले में स्थित कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र में शिवकुमार का वर्चस्व रहा है. इस वजह से शिवकुमार को 'कनकपुरा रॉक' के नाम से भी जाना जाता है. शिवकुमार इससे पहले 7 बार इस निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. 2018 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शिवकुमार ने जेडी(एस) के नारायण गौड़ा को 1,27,500 से अधिक मतों के अंतर से हराया था.

3. देवगौड़ा एंड फैमिली

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के घर से तीन उम्मीदवार इस बार बार चुनाव मैदान में हैं. एचडी देवगौड़ा के बेटे और जेडी (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी रामनगरम की चन्नापटना विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए हैं. इस सीट पर बीजेपी के सीपी योगेश्वर और कांग्रेस से गंगाधर चुनावी मैदान में थे. साल 2018 में कुमारस्वामी ने बीजेपी के सी पी योगेश्वरा को 21,530 मतों से मात देकर इस सीट पर जीत दर्ज की थी.

एच डी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी रामनगरम सीट से चुनाव हार गए हैं. निखिल को इस सीट पर कांग्रेस के इकबाल हुसैन ने मात दी है. निखिल को 65788 वोट मिले जबकि इकबाल को 76634 मत हासिल हुए. इस सीट पर किस्मत आजम रहे बीजेपी उम्मीदवार गौतम मरलिंगेगौड़ा को महज 11365 वोट से संतोष करना पड़ा.

दूसरी तरफ एच डी कुमारस्वामी के भाई और जेडी (एस) नेता एच डी रेवन्ना HOLENARASIPUR सीट से चुनाव जीत गए हैं. एच डी रेवन्ना  ने कांग्रेस उम्मीदवार श्रेयस एम पटेल को 11613 वोटों के अंतर से हराया. बीजेपी उम्मीदवार जी देवराजगौड़ा को महज 3082 वोट मिले.

4. बी वाई विजयेंद्र

पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र कर्नाटक की शिकारीपुरा सीट से चुनाव जीत गए हैं. शिमोगा जिले में स्थित शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र, कर्नाटक का एकमात्र विधानसभा क्षेत्र है जहां भाजपा ने लगातार जीत हासिल की है. कभी पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा इस सीट का प्रतिनिधित्व किया करते थे. लेकिन इस बार बीजेपी ने उनके बेटे को टिकट दिया था. विजयेंद्र के सामने कांग्रेस के गोनी मालतेश और आम आदमी पार्टी के चंद्रकांत पार्टी चुनावी ताल ठोंक रहे थे. बता दें, बीएस येदियुरप्पा ने 1983 से आठ बार इस सीट पर जीत दर्ज की है. 2018 के चुनावों में, येदियुरप्पा ने कांग्रेस के मलतेश को 35,397 वोट के अंतर से हराया था.

5. सिद्धरमैय्या

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या वरुणा सीट से चुनाव जीत गए हैं. सिद्धरमैय्या ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के वी सोमन्ना को 44167 मतों के अंतर से हराया. इस सीट पर जेडीएस उम्मीदवार डॉ भारती शंकर को महज 951 वोट मिले. सिद्धरमैय्या 2013 से 2018 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर सिद्धारमैया के नाम पर सीएम के तौर पर मुहर लग सकती है.

6. जगदीश शेट्टार

चुनाव से पहले बीजेपी से बगावत कर कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार हुबली-धारवाड़ सीट से चुनाव हार गए हैं. शेट्टार को 29340 वोट मिले जबकि विजयी उम्मीदवार बीजेपी के महेश टेंगीनकाई ने 64910 मत हासिल किए. हुबली-धारवाड़ सीट इस बार के चुनाव में काफी अहम थी. लगातार 6 बार से विधायक रहे कद्दावर लिंगायत नेता शेट्टार को इसबार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था. इससे नाराज होकर शेट्टार ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. शेट्टार की इस परंपरागत सीट पर प्रचार करने राहुल और सोनिया गांधी भी पहुंचे थे.

7. प्रियंक खरगे  

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे लगातार तीसरी बार चित्तापुर सीट से चुनाव जीत गए हैं. कर्नाटक के गुलबर्गा जिले का चित्तापुर निर्वाचन क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से कांग्रेस की झोली में है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में चित्तापुर सीट पर प्रियंक खरगे के सामने जेडी (एस) से सुभाष चंद्र राठौड़ और भाजपा से मणिकांत राठौड़ चुनावी मैदान में थे. मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे प्रियंक ने इस बार अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के मणिकांत राठौड़ को 13640 वोट के अंतर से हराया है. 2018 में प्रियंक ने बीजेपी के ही वाल्मीकि नाइक को इस सीट पर 4,393 वोटों के अंतर से हराया था.

8. रेड्डी परिवार
खनन कारोबारी जनार्दन रेड्डी का परिवार इस बार भी चुनाव में अपनी सियासी किस्मत आजमा रहा है. जनार्दन रेड्डी की पार्टी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष ने इस चुनाव में अपने कई प्रत्याशी उतारे हैं. लेकिन सबसे दिलचस्प मुकाबला बेल्लारी सिटी सीट पर हुआ. इस सीट पर जनार्दन रेड्डी की पत्‍नी अरुणा लक्ष्मी और जनार्दन रेड्डी के भाई सोमशेखर रेड्डी दोनों ही चुनाव हार गए.

बेल्लारी सीट से बीजेपी के मौजूदा व‍िधायक सोमशेखर रेड्डी फिर से बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में थे जबकि अरुणा लक्ष्मी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं थी. कांग्रेस उम्मीदवार एन भारत रेड्डी ने जीत दर्ज की है जबकि जेडी (एस) उम्मीदवार अनिल लाड को महज 496 वोट मिले.

जनार्दन रेड्डी के एक अन्य भाई और बीजेपी उम्मीदवार करुणाकर रेड्डी हरपनहल्ली सीट से चुनाव हार गए हैं. इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार लता मल्लिकार्जुन ने जीत दर्ज की है.


 

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