कर्नाटक राज्य में नई सरकार का गठन शनिवार को हो गया है. कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. इसके अलावा आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. सभी को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने पद की शपथ दिलाई.
डीके शिवकुमार ने इकलौते उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. डॉ. जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज और एमबी पाटिल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. इसके अलावा सतीश जारकीहोली, प्रियांक खड़गे, रामालिंगा रेड्डी और जमीर अहमद खान ने भी मंत्री पद की शपथ ली. कर्नाटक कैबिनेट में कुल 34 मंत्रियों को शामिल किया जाना है.
पहली कैबिनेट में दक्षिण कर्नाटक को प्रमुखता
पहली कैबिनेट में उत्तर कर्नाटक की जगह दक्षिण कर्नाटक को प्रमुखता दी गई है. साउथ कर्नाटक से पांच मंत्री जबकि नॉर्थ से सिर्फ तीन ही मंत्री बनाए गए हैं. आठ में से सबसे ज्यादा तीन मंत्री एससी से हैं. मुख्यमंत्री कुरुबा से तो डिप्टी सीएम वोक्कालिका जाति से हैं. डॉ. जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, प्रियांक खड़गे एसी से हैं. सतीश जारकीहोली एसटी, एमबी पाटिल लिंगायत कम्युनिटी, केजी जॉर्ज क्रिश्यन, जमीर अहमद खान मुस्लिम, रामालिंगा रेड्डी रेड्डी समुदाय से हैं.
पूरे कर देंगे सारे वादे
राहुल गांधी ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा कि हमने चुनाव के दौरान कर्नाटक की जनता से पांच वादे किए थे. उन्होंने एक-एक करके वादे याद दिलाए और कहा कि हम झूठे वादे नहीं करते हैं. जो कहते हैं, वह करते हैं. आज ही कर्नाटक सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होगी. उसमें पांचों वादों को लेकर कानून बन जाएंगे. सरकार का लक्ष्य हमारे किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, युवाओं की रक्षा करना और उनके भविष्य को सुनहरा बनाना है. कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस को जो शक्ति दी है, उसे हम कभी नहीं भूलेंगे.
जीत के बताए कारण
राहुल गांधी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में जनता ने कौन-कौन सी मुसीबतें सहीं, मैं समझता हूं. मीडिया में लिखा गया कि कांग्रेस यह चुनाव क्यों जीती? इस जीत का सिर्फ एक कारण है कि कांग्रेस पार्टी, गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के साथ है. हमारे पास सच्चाई थी और कर्नाटक के लोग थे. बीजेपी के पास धन-दौलत, पावर और पुलिस सबकुछ था लेकिन कर्नाटक की जनता ने उनकी सारी ताकत को हरा दिया. उनके भ्रष्टाचार को हरा दिया. उनकी नफरत को हरा दिया.
विपक्षी दलों ने दिखाई एकजुटता
शपथ ग्रहण में नौ विपक्षी पार्टियों के नेता मौजूद रहे. इनमें नीतीश कुमार (जदयू), तेजस्वी यादव (आरजेडी), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), डी राजा और सीताराम येचुरी (लेफ्ट), एमके स्टालिन (डीएमके), शरद पवार (एनसीपी), फारूख अब्दुल्ला (नेशनल कांग्रेस), कमल हासन (मक्कल नीधि माईम) शामिल थे.
इन पार्टियों को नहीं दिया था न्योता
कर्नाटक कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए जिन नेताओं को न्योता नहीं दिया था, उनमें भाजपा, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआस कांग्रेस पार्टी शामिल थे. इसके अलावा केरल के सीएम पी विजयन को भी नहीं बुलाया गया था.
13 मई को चुनाव के आए थे नतीजे
13 मई 2023 को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. कांग्रेस ने 224 सीटों में से 135, बीजेपी ने 66 और जेडीएस ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी. नतीजे आने के बाद कांग्रेस में सीएम पद को लेकर पांच दिनों तक मंथन चलता रहा. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच दावेदारी थी. आलाकमान ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री के लिए चुना.