Central Vista: राजपथ को कर्तव्य पथ करने से लेकर...8 साल में मोदी सरकार ने ब्रिटिश काल के किन-किन प्रतीकों के बदले नाम, जानिए

तीन किलोमीटर लंबी इस सड़क को 'किंग्सवे' नाम दिया गया था. आजादी के बाद उसे राजपथ नाम दिया गया. कर्तव्य पथ के अलावा और भी कई जगह के नाम हैं जिन्हें बदला गया है. आइए डालते हैं उनपर एक नजर.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST
  • सबसे पहले किंग्सवे था राजपथ का नाम
  • हटाई गई जॉर्ज पंचम की मूर्ति

ऐतिहासिक राजपथ का नाम 8 सितंबर से कर्तव्य पथ हो गया है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि साल 1911 में लगे ऐतिहासिक 'दिल्ली दरबार' के बाद ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम के सम्मान में तीन किलोमीटर लंबी इस सड़क को 'किंग्सवे' नाम दिया गया था. आजादी के बाद उसे राजपथ नाम दिया गया. लेकिन अब इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है. सरकार का कहना है कि यह औपनिवेशिक गुलामी के प्रतीक से मुक्ति है.

स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने देशवासियों को पांच संकल्प दिलाए थे जिसमें औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को मिटाने का संकल्प भी लिया गया था.सरकार ने पिछले आठ सालों में इस दिशा में कई कदम उठाए हैं, आइए इसके बारे में जानते हैं.

1. बदल गया इंडियन नेवी का ध्वज
हाल ही की बात करें तो 2 सितंबर को पीएम मोदी ने इंडियन नेवी को नया निशान दिया. इंडियन नेवी के ध्वज से गुलामी के प्रतीक को हटाया गया. नेवी के ध्वज में औपनिवेशिक अतीत की छाप दिखती थी. अब नए झंडे में लाल रंग के सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया है और उसकी जगह छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मुहर से प्रेरित चिह्न लगाया गया है. ध्वज में ऊपर की तरफ बाई ओर तिरंगा और दाहिनी दाहिनी ओर सुनहरे रंग का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न बना है. नया ध्वज गुलामी से मुक्ति और विरासत पर गर्व का प्रतीक है.

2. केंद्रीय बजट के साथ रेल बजट का विलय
साल 2017 में 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए सरकार ने रेल बजट को आम बजट के साथ मिला दिया. इससे पहले रेल बजट अलग से पेश किया जाता था.

3. रेस कोर्स रोड का नाम बदला
मोदी सरकार ने 2016 में रेस कोर्स का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया था. रेस कोर्स नाम अंग्रेजों का दिया हुआ था और इसी लेन में प्रधानमंत्री आवास भी है. नाम बदलने के बाद प्रधानमंत्री आवास का पता 7 रेस कोर्स मार्ग से बदलकर 7 लोक कल्याण मार्ग हो गया.

4. रद्द किया निरर्थक कानून
मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद से लगभग 1500 से अधिक पुराने और अप्रचलित कानूनों को रद्द कर दिया है. इनमें से अधिकतर ब्रिटिश शासन में बनाए गए थे.

5. फरवरी के पहले दिन बजट
पहले फरवरी रे आखिरी दिन बजट पेश किया जाता था. सरकार ने इस परंपरा को बदला. अब बजट फरवरी की पहली तारीख को पेश किया जाता है.

6. बीटिंग द रिट्रीट
पहले झंडा उतारने के समारोह यानी बीटिंग द रिट्रीट में एबाइड विद मी धुन बजाई जाती थी लेकिन बाद में निर्णय लिया गया कि इसकी जगह ए मेरे वतन के लोगों की धुन बजाई जाएगी. साल 2015 में भी बीटिंग रीट्रीट समारोह में कई बदलाव किए गए थे. भारतीय वाद्ययंत्रों सितार, संतूर और तबला को पहली बार इसमें शामिल किया गया था.

7. अमर जवान ज्योति का विलय
अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ के साथ मिला दिया गया.

8. बदले सड़कों के नाम
साल 2015 में दिल्ली की औरंगजेब रोड का नाम बदल दिया गया. औरंगजेब मुगलों का सबसे क्रूर मुगल शासक था. अब उस रोड का नाम महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर कर दिया गया है. ऐसे ही 2017 में डलहौजी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड कर दिया गया. 2018 में तीन मूर्ति चौक का नाम तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया गया.

9. नेताजी की मूर्ति
जिस जगह पर किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा थी वहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगा दी गई. 

10. अंडमान-निकोबार में दीपों का नाम बदला
दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की भावनाओं के अनुरूप अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के तीन द्वीपों के नाम बदल दिया. बोस ने 1943 में पूरे अंडमान और निकोबार द्वीप का नाम बदलकर शहीद और स्वराज द्वीप करने का सुझाव दिया था. हालांकि मोदी सरकार ने रॉस आइलैंड का नाम नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वीप, नील आइलैंड को शहीद द्वीप और हैवलॉक आइलैंड को स्वराज द्वीप किया.


 

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