कश्मीर की फिजाओं में फैली इस लड़की की आवाज की 'महक', घाटी की पहली फीमेल रैपर ने बदला माहौल

महक ने अब तक 15 गाने बनाएं हैं, जबकि कश्मीर में एक गाना बनाना भी मुश्किल है. फिलहाल  महक  श्रीनगर के एक स्थानीय महिला कॉलेज से आर्ट्स से स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं. जल्द ही उनके कुछ नए गाने सुनने को मिलेंगे जिनकी रिकॉर्डिंग चल रही है. 

महक अशरफ
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST
  • अमेरिकी रैपर इमिनेम से प्रेरित होकर 12 साल की उम्र से ही महक ने गाना शुरू कर दिया था.
  • महक के माता-पिता को महक का रैपर बनना मंजूर नहीं था

साहिर लुधियानवी का एक शेर है - हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें , वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं. आज साहिर लुधियानवी के इस शेर को सच कर दिखाया है कश्मीर की महक अशरफ़ ने. महक ने महज  21 साल की उम्र में कश्मीर की पहली महिला रैपर बन कर अपना नाम रौशन किया है. महक जब 17 साल की थी तब ही उन्हें कश्मीर की पहली महिला रैपर का खिताब मिल गया था. कश्मीर जैसा जगह में एक लड़की होकर रैपर बनने तक का सफर आसान नहीं था. महक के माता-पिता को महक का रैपर बनना मंजूर नहीं था . महक के सामने तमाम तरह की बाधाएं थी, लेकिन महक डटी रही और उन्होंने हार नहीं मानी.  

महक ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि जब  महक ने अपनी रैपर बनने की ख्वाहिश के बारे में माता-पिता को बताया तो उन्होंने कहा ऐसा करने से हमारे परिवार का अपमान होगा और उन्होंने इससे इनकार कर दिया था. 

अमेरिकी रैपर इमिनेम से प्रेरित होकर 12 साल की उम्र से ही महक ने गाना शुरू कर दिया था. महक को पहली बार रैप के तरफ अपने रुझान का तब पता चला जब उसने इमिनेम का गाना सुना. इसके बाद महक का रैप को लेकर इंटरेस्ट बढ़ने लगा और उन्होंने इसपर रिसर्च करना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्होंने निकी मिनाज, ड्रेक और फिफ्टी सेंट को भी सुना, लेकिन इन सबके बीच जो उनके जेहन में रह गई वो थी एमिनेम की कहानी, जिसने उन्हें प्रेरित किया. इसके बाद महक ने इमिनेम का उल्टा मीनेम पर अपना नाम रखा. 

2016 में जब बुरहानी वानी मारा गया तब कश्मीर में विरोध जारी थे. उस समय छह महीने के लिए स्कूल बंद हो गए थे और हर तरफ तालाबंदी कर दी गई थी.  उस दौरान तालाबंदी के साथ-साथ विरोधों को देखते हुए महक ने ठाना कि वो लोगों के संघर्षों को दुनिया के सामने रखने के लिए रैप करेंगी . 

इसके बाद उन्होंने लैंगिक असमानता, राजनीतिक अन्याय और कई तरह की समाजिक बुराईयों पर रैप करना शुरू किया. 2017 में आरजे समीन जो नए कलाकारों मौका देने के लिए जाने जाते हैं उन्होंने अपने रेडियो चैनल पर महक के गानों को बजाना शुरू कर दिया जिसके बाद महक हिप-हॉप की दुनिया में एक नया नाम बनकर उभरीं. 

महक ने अब तक 15 गाने बनाएं हैं, जबकि कश्मीर में एक गाना बनाना भी मुश्किल है. फिलहाल  महक  श्रीनगर के एक स्थानीय महिला कॉलेज से आर्टस से स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं. जल्द ही उनके कुछ नए गाने सुनने को मिलेंगे जिनकी रिकॉर्डिंग चल रही है. 

 

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