कटिहार जिले के मनसाही प्रखंड अंतर्गत चितोरिया पंचायत के बड़ी बथनाहा गांव की महिला किसान आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. 35 वर्षीय डेज़ी ने 2018 में किसानी के क्षेत्र में खुद को अव्वल बनाने की ठानी और अपने खेतों में जैविक तरीके से खेती करना शुरू किया.
समय के साथ डेज़ी ने जैविक खेती में नए-नए प्रयोग किए और वह आगे बढ़ती रहीं. आज वह कुल 7 एकड़ में कई तरह की सब्जियां बिल्कुल जैविक तरीकों से उगा रही हैं.
लाखों में हो रही है अब कमाई
मक्का की खेती भी डेज़ी जैविक विधि से कर रही हैं. साथ ही, वह आलू, गोभी, पत्ता गोभी, करेला, लौकी और खीरा जैसी दर्जनों मौसमी सब्जियों की खेती करके हर साल लाखों का मुनाफा कमा रही हैं. उनके पति बिनोद सिंह भी खेती कार्य में मदद कर रहे हैं.
डेज़ी अब हर साल साढ़े 4 लाख से 5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा कमा रही हैं और अपने परिवार का अच्छे से भरण-पोषण कर रही हैं.
बिनोद सिंह का कहना है कि जैविक खेती से ज्यादा उत्पादन रासायनिक विधि से की जा रही खेती से होता है और इस वजह से जैविक उत्पादन की कीमत बाजार में कम मिलती है.
शुद्धता रखती है ज्यादा मायने
हालांकि, डेज़ी का स्पष्ट कहना है कि फसल की उपज भले ही कम हो, जिस वजह से मुनाफा कम मिलता है. लेकिन आज के परिवेश में लोगों को शुद्ध सब्जी नहीं मिल पाती है. जिससे कई तरह तरह की बीमारियां हो रही हैं. ऐसे में, उनकी सब्जी की शुद्ध पैदावार लोगों की सेहत की खातिर बहुत जरूरी है ताकि हर कोई निरोग रहें. डेज़ी का कहना है कि स्वास्थ्य के आगे उन्हें कम मुनाफा मंजूर है.
उन्होंने फिलहाल गांव की महिलाओं के साथ एक समूह का भी निर्माण किया है और इस समूह में करीबन 9 किसान महिलाओं को जोड़ा गया. डेज़ी की किसानी से प्रभावित होकर ये सभी महिलाएं ग्रुप के द्वारा लोन लेती है और सभी महिलाएं अब जैविक तरीके से खेती करके फायदा कमा रही हैं.
YouTube पर सिखाती हैं खेती के गुर
डेज़ी की किसानी देख क्षेत्र के लोग प्रभावित हो रहे हैं और इनके द्वारा उपजाए गए फसल को व्यापारी खेत से ही नगद राशि देकर खरीद कर ले जा रहे हैं. डेज़ी खुद इंटरनेट से जुड़कर यूट्यूब पर जैविक खेती करने का गुर सीखती है. इस तरह से डेज़ी आज किसानी के क्षेत्र में महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर कटिहार जिले में किसानों की आइकन बन गई हैं.
(कटिहार से बिपुल राहुल की रिपोर्ट)