दिल्ली में मुख्यमंत्री के बंगले को लेकर बवाल मचा पड़ा है. दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में मौजूद फ्लैग स्टाफ रोड का बंगला नंबर 6 इसके केंद्र में है. 9 साल तक ये बंगला दिल्ली की सियासत की धुरी रहा क्योंकि यहां आम आदमी पार्टी के सर्वे सर्वा और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहा करते थे. उन दिनों भी यहां पुलिस का पहरा होता था और बंगला खाली होने की सुबह भी यहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद थी. लेकिन उनकी मौजूदगी की वजह कुछ और थी.
स्टाफ रोड के इस बंगले को लेकर दिल्ली में सियासी घमासान मचा हुआ है. बीजेपी इस बंगले को लेकर आम आदमी पार्टी पर हमलावर है लिहाजा आज आम आदमी पार्टी ने भी अपनी सियासी रणनीति में इस बंगले को शामिल कर लिया.
बीजेपी कर रही कई दावे
आम आदमी पार्टी का कहना था कि बीजेपी जो इस बंगले में सोने के टॉयलेट, स्विमिंग पूल और मिनी बार होने का दावा कर रही है वो इसे देखने और जनता को दिखाना चाहते हैं. हालांकि, सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह के यहां पहुंचने के बाद यहां पर हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया. पुलिस ने उन्हें इसके अंदर जाने से रोक दिया. इस दौरान आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ पुलिस की झड़प भी हुई. झड़प वाले बवाल के साथ एंबियंस पुलिस के रोके जाने के बाद इन्होंने प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर जाने की कोशिश की. लेकिन लोक कल्याण मार्ग जाने के रास्ते में ही पुलिस ने इन दोनों नेताओं को रोक लिया और दूसरे रास्ते पर ले गई.
अलग अलग रास्तों पर घुमाने के बाद पुलिस ने सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह को लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन के गेट पर छोड़ दिया. इस ड्रामे के दौरान सड़कों पर अफरातफरी का माहौल बना रहा. दरअसल फ्लैग स्टाफ रोड के इस बंगले को केजरीवाल के खाली करने के बाद इसे मुख्यमंत्री आतिशी को अलॉट किया गया था. लेकिन आतिशी के यहां नहीं रहने की वजह से PWD ने इस बंगले का आवंटन रद्द कर दिया और बंगले की चाबी ले ली. ऐसे में इस बंगले को लेकर घमासान शुरू हो गया है. बीजेपी ने बंगले को लेकर आप के हंगामे को नाटक करार दिया है.
विवाद नहीं है नया
हालांकि, केजरीवाल के सरकारी बंगले को लेकर विवाद नया नहीं है. बीजेपी इस बंगले को लेकर केजरीवाल पर बहुत पहले से हमलावर है. ऐसे में आज जब आप के नेता फ्लैग स्टाफ रोड के बंगले पर पहुंचे तो दूसरी तरफ बीजेपी के नेता आतिशी को आवंटित बंगले पर पहुंच गए . ऐसे में हमारा दूसरा सवाल है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री के बंगले पर महाभारत क्यों? दिल्ली का सरकारी बंगला अब सियासी मुद्दे में तब्दील हो गया है और बंगले को लेकर बीजेपी और आप आमने सामने हैं.
PWD सूत्रों का दावा है कि आतिशी को फ्लैगस्टाफ रोड वाले बंगले से बाहर निकाला नहीं गया है. उनके मुताबिक आतिशी कभी वहां शिफ्ट ही नहीं हुई थीं. उन्हें 17 एबी मथुरा रोड पर सरकारी आवास पहले से ही आवंटित है और उन्हें फिर से दो अन्य बंगलों का ऑफर दिया गया है. बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस भी बंगले को लेकर आप के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए है. दिल्ली में चुनावों में ऐलान के साथ ही जिस तरह से सरकारी बंगले की सियासत शुरू हुई है. उससे ये साफ है कि इस बार जनता की अदालत में बंगले का मुद्दा जरूर उठेगा.
गठबंधन बिखरा बिखरा नजर आ रहा है
कुछ महीनों पहले विपक्षी दलों के नेता एक मंच पर जुटे दिखाई दे रहे थे. लेकिन दिल्ली चुनाव के ऐलान के साथ ही ये गठबंधन बिखरा बिखरा नजर आ रहा है. लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली में एक दूसरे का साथ चुनाव में उतरे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनावों में अपनी राहें अलग कर ली हैं. इंडिया गठबंधन की पार्टियों के बीच हो रहे मुकाबले में गठबंधन के दूसरे दलों का झुकाव आम आदमी पार्टी की तरफ है. समाजवादी पार्टी और टीएमसी ने साफ कह दिया कि दिल्ली के चुनाव में उनका समर्थन आम आदमी पार्टी के साथ है तो वहीं शिवसेना का कहना है कि दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ना कांग्रेस की मजबूरी भी हो सकती है.