मछुआरों ने पेश की मिसाल, तट से 8 किलोमीटर दूर समुद्र में फंसी भैंस की बचाई जान

ए टी फिरोज ने कहा, “जब हमने समुद्र से एक अजीब सी आवाज सुनी, तो हमने एक टॉर्च का इस्तेमाल करते हुए चारों ओर देखा. तभी हमें एक भैंस तैरती हुई दिखाई दी. वह कमजोर थी. हमने उसी समय अपने काम को रोककर भैंस को बचाने का फैसला किया."

Rescued Buffalo
gnttv.com
  • कोझिकोड,
  • 15 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:29 AM IST
  • मछुआरों ने की दो घंटे तक मशक्कत 
  • भैंस को खींचने के लिए प्लास्टिक के डिब्बों का किया इस्तेमाल 

वो कहते हैं न जिसका रखवाला ईश्वर होता है उसका कोई  बांका नहीं कर सकता. इस बार वह भाग्यवान और कोई नहीं, एक भैंस है. यह सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी लेकिन यह सच है. दरअसल कोझिकोड के कोठी से समुद्र में उतरे तीन मछुआरों ने गुरुवार को तड़के 1 बजे एक अनोखा नजारा देखा. तट से करीब आठ किलोमीटर दूर, उन्होंने कुछ तैरता हुआ दिखा. करीब से देखने पर पता चला कि यह एक असहाय भैंस थी.

मछुआरों ने की दो घंटे तक मशक्कत 

दो घंटे की मशक्कत के बाद मछुआरों ने भैंस को बचाया और उसे किनारे लाकर उसके मालिक को सौंप दिया। इन मछुआरों में  ए टी फिरोज, ए टी जाकिर और टी पी पुवाड़ शामिल थे. ए टी फिरोज ने कहा, “जब हमने समुद्र से एक अजीब सी आवाज सुनी, तो हमने एक टॉर्च का इस्तेमाल करते हुए चारों ओर देखा. तभी हमें एक भैंस तैरती हुई दिखाई दी. वह कमजोर थी. हमने उसी समय अपने काम को रोककर भैंस को बचाने का फैसला किया."

भैंस को खींचने के लिए प्लास्टिक के डिब्बों का किया इस्तेमाल 

“हमें नहीं पता कि भैंस समुद्र में इतनी दूर कैसे पहुंची. हमारे काम के दौरान ऐसे जानवर को देखना पहली बार का अनुभव था, ”उन्होंने कहा. भैंस को अपनी नाव की ओर खींचना हमारे लिए असंभव था. इसलिए, हमने कोठी से एक और नाव की व्यवस्था की. उन्होंने कहा कि हमने भैंस को डूबने से बचाने के लिए प्लास्टिक के दो डिब्बे बांधे और सुबह आठ बजे तक किनारे पर खींच लिया.


 

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