आए दिन हम कई रोड एक्सीडेंट (Road Accident) के बारे में सुनते हैं. लोग 150-200 की स्पीड में लापरवाही से कार-बाइक चलाते दिख जाते हैं जिससे कई बार हादसे होते हैं और किसी की मौत हो जाती है. कई बार तो जांच के बाद भी न एक्सीडेंट करने वाले का पता चलता है और न ही वाहन का. ऐसे में मृत व्यक्ति के घर वालों को मुआवजा दिलाना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, सबूत मिलने पर दोषियों पर कार्रवाई जरूर होती है. ऐसे मामलों में जिस कानून के तहत कार्रवाई होती है उसे हिट एंड रन कानून (Hit and Run Law) कहा जाता है. इसमें तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले को सजा दी जाती है. इसके तहत वाहन चालक पर भी एक्शन लिया जाता है. हिट एंड रन कानून देशभर में सभी वाहन चालकों फिर चाहे वो दो पहिया हो या चार पहिया या ट्रक ड्राइवर हो, सभी पर लागू होता है.
पहले नियम क्या था?
हिट एंड रन को लेकर इससे पहले जो नियम थे उसकी बात करें, तो उसमें IPC यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 279 जिसमें लापरवाही से वाहन चलाना आता है, लगाई जाती थी. इसके साथ धारा 304-ए (लापरवाही के कारण मौत) लगाई जाती थी और धारा 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत मामला दर्ज किया जाता था. इसमें ड्राइवरों को 2 साल तक की सजा का भी प्रावधान था. विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती थी.
क्या है नया कानून?
मौजूदा सरकार आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू करने की तैयारी में है. इस नए कानून की धारा 104 में हिट एंड रन के मामले का जिक्र है. इसके मुताबिक अगर ड्राइवर की लापरवाही से किसी नागरिक की मौत हो जाती है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी. आसान शब्दों में समझें, तो अगर वाहन चालक से कोई दुर्घटना होती है और वो बिना कोई सूचना दिए मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है. इसके साथ में 7 लाख तक का जुर्माना भी उसे भरना पड़ सकता है.
इसे और विस्तार से समझते हैं. भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 (1) और धारा 104(2) में हिट एंड रन को लेकर दो प्रावधान हैं. पहला, अगर एक्सीडेंट होता है और उसमें किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और आप किसी नजदीकी पुलिस स्टेशन में इसकी जानकारी दे देते हैं तो वाहन चालक के लिए 5 साल तक की सजा का प्रावधान है. लेकिन अगर आपसे कोई एक्सीडेंट हुआ है और आप बिना किसी को बताए अपना वाहन लेकर भाग जाते हैं तो ऐसे में आपके ऊपर धारा 104(2) लगाई जाएगी, जिसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही 7 लाख जुर्माना भी देना होगा.
सभी के लिए हैं ये नियम
बता दें, ये जो नए नियम हैं ये केवल ट्रक ड्राइवरों के लिए नहीं है, ये आप और हम जैसे लाखों नागरिकों एक लिए है जिनके पास खुद की कारें हैं. आपसे भी अगर कोई दुर्घटना होती है तो ये नियम आपके ऊपर भी भी लागू होगा. यानि जिस किसी के भी पास ड्राइविंग लाइसेंस हैं और वो गैर जिम्मेदाराना तरीके से वाहन चलाएंगे उन सभी पर इसी के तहत कार्रवाई की जाएगी. नए नियम दोपहिया, तीन पहिया से लेकर कार, ट्रक, टैंकर, बस समेत सभी वाहनों पर लागू होंगे.
अलग-अलग देशों में क्या हैं कानून?
दुनिया के अलग-अलग देशों में हिट-एंड-रन मामलों से जुड़े कानून इस तरह हैं-
-अमेरिका में, हिट-एंड-रन कानून मुख्य रूप से राज्य के अधिकार क्षेत्र में हैं, इसमें अलग-अलग सजा का प्रावधान है. अपराध की गंभीरता के आधार पर जुर्माना, लाइसेंस निलंबन और जितना भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई से लेकर जेल तक हो सकती है.
-ब्रिटेन में, सड़क यातायात अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई की जाती है. इसमें अगर कोई दुर्घटना स्थल पर नहीं रुकता है तो परिस्थितियों के आधार पर जुर्माना, ड्राइवर का लाइसेंस जब्त कर लेना और जेल हो सकती है.
-कनाडा में भी हिट-एंड-रन कानून के तहत कार्रवाई होती है. ऐसा करने वाले पर जुर्माना, जेल और लाइसेंस निलंबन शामिल है. इसके अलावा, चोट की गंभीरता देखते हुए या अगर मौत हुई है तो उसी के आधार पर सजा दी जाती है.
-ऑस्ट्रेलिया में हिट-एंड-रन अपराध आमतौर पर राज्य यातायात कानूनों में आते हैं. इसमें चालक पर जुर्माना लगाया जा सकता है, जेल हो सकती है और लाइसेंस रद्द भी हो सकता है.