लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसरती होती है कि इसमें हर व्यक्ति का अपना मत होता है, अपने विचार होते हैं और अपना जरूरी स्थान होता है. इसमें समाज का हर एक नागरिक महत्वपूर्ण होता है. अब इसी कड़ी में पुरुषों और औरतों के बाद किन्नर (Transgender) समाज भी इसमें हिस्सा ले रहा है. उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव में एक किन्नर ने भी आगरा छावनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है. ये और कोई नहीं बल्कि 26 साल की राधिका बाई हैं.
राधिका ने सोमवार को अपने समुदाय के लोगों की आवाज उठाने के लिए सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया है.
कौन हैं राधिका बाई?
राधिका बाई एक ट्रांसजेंडर हैं जिनका असली नाम आकाश सोनी है. राधिका बाई ने दावा किया कि वह आगरा से विधानसभा चुनाव लड़ने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला हैं. राधिका ने पीटीआई को बताया, "चुनाव लड़ने का उद्देश्य यह है कि मैं किन्नर समुदाय के लोगों के लिए बहुत कुछ करना चाहती हूं. हमें समाज द्वारा उपेक्षित किया गया है. मैं अपने समुदाय के लोगों को शिक्षित करूंगी कि सड़कों पर नाचने और भीख मांगने के अलावा भी बहुत कुछ है.”
राधिका कहती हैं कि हम भी खुद को शिक्षित करके समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं.
ट्रांसजेंडर समुदाय कर रहा है लोगों की मदद
राधिका बाई ने कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों को बुनियादी सामान की व्यवस्था करने में आने वाली कठिनाइयों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, "जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कोई नहीं आया. लोग भोजन, दवाओं आदि के लिए संघर्ष कर रहे थे. ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों ने बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंद लोगों की मदद की."
राधिका कहती हैं कि कमाई न होने के बावजूद उन्हें बिजली बिल, हाउस टैक्स, पानी का टैक्स का भुगतान करना पड़ता है.
जरूरतमंदों की सेवा के लिए मैदान में उतरीं
राधिका बाई ने पीटीआई से कहा कि वह प्रयागराज से अपनी गुरु भवानी देवी के आशीर्वाद से जरूरतमंदों की सेवा के लिए मैदान में उतरी हैं. वह कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए घर-घर जाकर प्रचार करेंगी. राधिका कहती हैं, "मैं यहीं पैदा हुई और पली-बढ़ी हूं. मैं लोगों से अनुरोध करूंगी कि मुझे एक मौका दें, क्योंकि मैं उनके लिए बहुत कुछ करना चाहती हूं."