Chenab Bridge: एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा, 1.3 किमी लंबाई... चिनाब नदी पर बनकर तैयार दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के बारे में जानिए

Chenab Bridge: चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्च रेलवे पुल है और यह जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच बनाया गया है.

Chenab Bridge
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 20 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

दुनिया में अब तक का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्च रेलवे पुल चिनाब नदी पर बनकर तैयार है. यह पुल एफिल टॉवर से भी ऊंचा है. साल 2003 में इस पुल को मंजूरी मिली थी और अब दो दशकों के इंतजार के बाद रेलवे एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है. आज हम आपको बता रहे हैं दुनिया के इस सबसे ऊंचे रेलवे पुल की विशेषताओं के बारे में. 

आपको बता दें कि ये आर्च ब्रिज जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच तक है, और यह कटरा से बनिहाल तक एक महत्वपूर्ण लिंक बनाता है. यह नदी के तल से 1,178 फीट यानी 359 मीटर की ऊंचाई पर है, जो इसे पेरिस के टूरिस्ट आयकॉन, एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा बनाता है.

यह पुल 35000 करोड़ रुपये की उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का हिस्सा है. इस प्रोजेक्ट का मकसद जटिल भौगोलिक और मौसमी हालत में कनेक्टिविटी मुहैया कराते हुए जम्मू और कश्मीर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है. चिनाब पुल प्रोजेक्ट की लागत लगभग 14,00 करोड़ रुपये बताई जा रही है. 

एक भारत श्रेष्ठ भारत का प्रोजेक्ट
भारतीय रेल ने एक वीडियो जारी किया है, जिसके अनुसार, चिनाब पुल एक भारत श्रेष्ठ भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत आता है जिसका उद्देश्य कश्मीर की देश के अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी और सुगम बनाना है. दुनिया के सबसे ऊंचे पुल की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले टेस्ट में हाई-वेलोसिटी वाली हवाओं का टेस्ट, अत्यधिक तापमान का परीक्षण, भूकंपरोधी परीक्षण और जल स्तर में वृद्धि के कारण जल विज्ञान संबंधी प्रभाव शामिल हैं. इस पुल की शेल्फ लाइफ लगभग 120 वर्ष होने की उम्मीद है. 

यह 260 किमी/प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं का भी सामना करने में सक्षम होगा. उत्तर रेलवे के पोस्ट किए गए एक अन्य वीडियो के अनुसार, पुल में 5 किमी लंबी एप्रोच रोड है और इसे भूकंप प्रतिरोधी बनाया गया है. इंजीनियरों को दो विशाल केबल क्रेनों की मदद से पुल का आर्च बनाने में तीन साल लग गए, जिन्हें चिनाब के दोनों किनारों- कौरी छोर और बक्कल छोर पर स्थापित किया गया है. 

आर्मी के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा 
भारतीय रेलवे के वीडियो में कहा गया है कि यह रेलवे लाइन इस भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बलों के लिए भी उपयोगी साबित होगी और पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद करेगी. जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए, यह पुल दो दशकों के लंबे इंतजार के बाद आया है क्योंकि 2003 में अपनी पहली मंजूरी मिलने के बाद परियोजना कई समय सीमा से चूक गई है. उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पूरी तरह से चालू होने के बाद वंदे भारत मेट्रो जम्मू और श्रीनगर के बीच चलेगी. 

दूसरी परियोजनाओं का भी होगा उद्घाटन
चिनाब पुल के अलावा पीएम मोदी ने देश भर में 32,000 करोड़ रुपये की कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया है, खासकर जम्मू और कश्मीर में. साल 2019 में एम्स जम्मू की आधारशिला रखने के पांच साल बाद, पीएम मोदी ने इसका भी उद्घाटन किया. इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने जम्मू हवाई अड्डे और सामान्य उपयोगकर्ता सुविधा पेट्रोलियम डिपो में एक नए टर्मिनल भवन की आधारशिला भी रखी. राज्य में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ने शहरी और ढांचागत विकास के लिए कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया.

राष्ट्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) भिलाई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) तिरूपति, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विनिर्माण संस्थान (IITDM) कुरनूल, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) जम्मू, आईआईएम बोधगया और भारतीय कौशल संस्थान (IKS), कानपुर शामिल हैं.

 

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