Bulandshahr: 1200 साल पुराना इतिहास, सिरेमिक सिटी के नाम से मशहूर बुलंदशहर में PM Modi करेंगे सभा

बुलंदशहर 1200 साल पुराना माना जाता है. इस शहर का खुर्जा इलाका सिरेमिक सिटी के नाम से भी जाना जाता है. इस शहर में कई ऐतिहासिक और धार्मिक जगहें हैं. इसमें खुर्जा देवी मंदिर से लेकर कुचेसर का किला तक शामिल है.

25 जनवरी को बुलंदशहर में पीएम मोदी की रैली
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी 25 जनवरी को बुलंदशहर के नवादा गांव में सभा करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी सूबे को करीब 20 हजार करोड़ रुपए की सौगात देंगे. इसमें पीएम डेडीकेट फ्रेट कॉरिडोर, कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़-कन्नौज फोर लाइन हाईवे जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं. पीएम मोदी के रैली के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. चलिए आपको बुलंदशहर के बारे में बताते हैं.

1200 साल पुराना है शहर का इतिहास-
बुलंदशहर उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है. इस शहर का इतिहास 1200 साल पुराना बताया जाता है. पहले इस शहर को बरन के नाम से जाना जाता था. यहां पर अहिबरन नाम के शासक ने बरन नाम का किला बनाया था. उसने बाद में इस जगह को बरनशहर नाम से अपनी राजधानी बनाई. बाद में इस शहर का बुलंदशहर किया गया.

सिरेमिक सिटी के नाम से है मशहूर-
बुलंदशहर का खुर्जा सिरेमिक यानी चीनी मिट्टी के उत्पादों के लिए जाना जाता है. इस इलाके में सैकड़ों साल से सिरेमिक का कारोबार होता है. खुर्जा इलाके का इतिहास तैमूर वंश से जुड़ा है. बताया जाता है कि 600 साल पहले उज्बेकिस्तान के शासक तैमूर लंग ने दिल्ली पर हमला किया था. तैमूर की सेना के कुछ हस्तशिल्पकार भारत में ही रह गए. उन्होंने खुर्जा की कलाकृति को नया रूप दिया. अभी इस इलाके में चीनी मिट्टी के बर्तन और साज-सज्जा के उत्पाद बनाने वाले करीब 500 कारखाने हैं. यहां के चीनी मिट्टी के सामान विदेशं में बेचे जाते हैं.

टूरिस्टों के लिए फेमस है शहर-
दिल्ली से करीब 112 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद ये शहर फेमस टूरिस्ट प्लेस है. टूरिस्टों को घूमने के लिए यहां कई खूबसूरत और पौराणिक जगहें हैं. 

खुर्जा देवी मंदिर-
इस जिले के खुर्जा तहसील में खुर्जा देवी मंदिर है. ये मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इस मंदिर की 108 परिक्रमाएं लगाने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस मंदिर परिसर में एक मनोकामना स्तंभ है. परिक्रमा के बाद इस मनोकामना स्तंभ पर गांठ भी लगानी चाहिए. मंदिर में मौजूद देवी भगवती की प्रतिमा में मां के 9 रूप नजर आते हैं. माता की यह भव्य प्रतिमा चार टन अष्टधातु से बनी है, जिसके 27 खंड हैं.

कुचेसर का किला-
बुलंदशहर में कुचेसर का किला भी काफी फेमस है. यह सैलानियों का आकर्षण का केंद्र है. इसे राव राज विलास के नाम से भी जाना जाता है. यह किला 18वीं शताब्दी का किला है. साल 1734 में बना यह किला चारों तरफ से 100 एकड़ में फैले आम के बागों से घिरा हुआ है.

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