एक तरफ पहाड़ी, दूसरी तरफ समुद्र और शांत लहरों में हुंकार भरती देश की नौसेना.....कुछ ऐसा रहा 12वां प्रेजिडेंशियल फ्लीट रिव्यू

प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू एक तरह का शक्ति प्रदर्शन होता है. इसका जायजा खुद देश के राष्ट्रपति लेते हैं. भारतीय नौसेना में जितने भी जहाज हैं उन सबका प्रदर्शन देश के राष्ट्रपति के सामने किया जाता है. ये फ्लीट रिव्यू सभी राष्ट्रपति के कार्यकाल में कम से कम एक बार किया जाता है.

President Fleet Review
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST
  • कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे
  • प्रेजिडेंट यॉट पर सवार होते हैं राष्ट्रपति

एक तरफ पहाड़ी, दूसरी तरफ समुद्र और समुद्र की शांत लहरों में हुंकार भरती देश की नौसेना….सोमवार को एक बार फिर प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू का आयोजन किया गया. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के विशाापट्टनम में प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू में शामिल हुए. कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू में देश के 60 से ज्यादा जहाजों, पनडुब्बियों और 55 विमानों की समीक्षा की. 

क्या है प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू 

आज तक 12 बार प्रेसिडेंशियल फ्लीट रिव्यू का आयोजन किया जा चुका है. इस बार तीसरी बार था जब विशाखापत्तनम में ही फ्लीट रिव्यू का आयोजन हुआ था. 150 सजीले जवानों की टोली ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का स्वागत किया.

आसान शब्दों में समझें, तो प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू एक तरह का शक्ति प्रदर्शन होता है. इसका जायजा खुद देश के राष्ट्रपति लेते हैं. भारतीय नौसेना में जितने भी जहाज हैं उन सबका प्रदर्शन देश के राष्ट्रपति के सामने किया जाता है. ये फ्लीट रिव्यू सभी राष्ट्रपति के कार्यकाल में कम से कम एक बार किया जाता है. 

प्रेजिडेंट यॉट पर सवार होते हैं राष्ट्रपति 

आपको बता दें, इस फ्लीट कार्यक्रम में एक यॉट राष्ट्रपति की होती है, जिसे प्रेजिडेंट्स यॉट कहा जाता है. इसबार राष्ट्रपति स्वदेश निर्मित आईएनएस सुमित्रा पर सवार थे, इसी ने राष्ट्रपति के बेड़े का नेतृत्व किया.  इस यॉट पर अशोक चिन्ह लगा होता है, जिससे इसे पहचाना जाता है कि यह यॉट देश के राष्ट्रपति का है. 

कैसा रहा 12वां प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू?
 
12वें प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू में सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी के बाद, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद आईएनएस सुमित्रा जहाज पर सवार हुए. राष्ट्रपति ने कई हेलीकॉप्टरों और फिक्स्ड विंग विमानों द्वारा किये गए शानदार फ्लाई-पास्ट प्रदर्शन में भारतीय नौसेना के वायु शाखा की भी समीक्षा की. 

विशाखापट्टनम में हुए 12वें प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू में इंडियन कोस्ट गार्ड और इंडियन मर्चेंट मरीन के जहाजों के साथ नौसेना के लगभग 60 जहाजों ने भाग लिया. 

क्या है प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू का इतिहास? 

दरअसल, फ्लीट रिव्यू में नौसेना के सभी जहाजों को नहीं, बल्कि हर प्रकार के जहाजों को प्रदर्शित किया जाता है. आजादी के बाद से अब तक 11 प्रेजिडेंट फ्लीट रिव्यू का आयोजन किया जा चुका है. पहली बार 1953 में डॉ राजेंद्र प्रसाद के कार्यकाल में इसका आयोजन किया गया था. तब से लेकर अब तक ये आयोजन किया जा रहा है. इन फ्लीट रिव्यू के बीच सबसे लंबा अंतराल 12 साल का रहा है. ये साल 1989 (राष्ट्रपति आर वेंकटरमण) और 2001 (राष्ट्रपति के आर नारायणन) के बीच रहा. आखिरी बार 2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के फ्लीट रिव्यू किया था. 

2 बार हुआ है इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू

2001 और 2016 में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू का भी आयोजन किया जा चुका है. जिसमें दूसरे देशों के कुछ जहाजों ने भी भाग लिया था. भारतीय नौसेना ने भी ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, मलेशिया, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और यूके सहित दूसरे देशों में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में भाग लिया है.

गौरतलब है कि 1953 में, 25 जंगी जहाजों, सात यार्ड क्राफ्ट और एक मर्चेंट जहाज ने भाग लिया था. 1964 में, यह संख्या बढ़कर 31 जंगी जहाजों, नौ मर्चेंट जहाजों और 12 यार्ड क्राफ्ट तक पहुंच गई थी. दो साल बाद, राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन के कार्यकाल के तहत, भारत का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को भी शामिल किया गया था. 

 

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