मध्य प्रदेश के पन्ना में मजदूर के हाथ लगा 15 लाख का हीरा, नीलामी की रकम से शुरू करेगा नया कारोबार

मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में एक मजदूर को 6.6 कैरेट वजन का हीरा हाथ लगा है. हीरे की कीमत करीब 12 से 15 लाख रुपए आंकी जा रही है. अगली नीलामी में हीरे को शामिल किया जाएगा. रॉयल्टी काटने के बाद बची रकम हीरे के मालिक को दे दी जाएगी.

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gnttv.com
  • पन्ना,
  • 25 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST
  • मजदूर के हाथ लगा 6.6 कैरेट वजन का हीरा
  • हीरे की कीमत करीब 12 से 15 लाख रुपए
  • जल्द होगी हीरे की नीलामी

वो कहते हैं ना कि ऊपरवाला देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है. कुछ ऐसा ही हुआ है मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में एक मेहनतकश मजदूर के साथ. रातों रात मजदूर की किस्मत बदल गई. हर दिन दो-चार सौ कमाने वाले मजदूर ने सपने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ऊपर वाला उसके ऊपर मेहरबान होगा और उसकी किस्मत बदल जाएगी और एक दिन वह लाखों का मालिक हो जाएगा.

15 लाख रुपए है हीरे की कीमत
दरअसल, मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में एक मजदूर को 6.6 कैरेट का हीरा मिला है. हीरे की अनुमानित कीमत 12 से 15 लाख रुपए की बताई जा रही है. मजदूर का नाम शमशेर खान है और हीरा मिलने के बाद उसके घर में जश्न का माहौल है. मजदूर और उसके परिवार वालों ने कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय में हीरा को जमा कर दिया है. इसे अगली नीलामी में शामिल किया जाएगा.

हीरा कार्यालय के पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि जमा हुए हीरे का वजन 6.66 कैरेट है जो अच्छी क्वालिटी का है. अभी हीरे की कीमत नहीं बताई जा सकती. नीलामी में हीरा बिकने पर रॉयल्टी काटने के बाद बची हुई रकम हीरा मालिक को दी जाएगी. इससे पहले हीरापुर टपरियन उथली खदान क्षेत्र में 8.2 कैरेट वजन का हीरा एक शख्स को मिला था. तीन महीने पहले हुई नीलामी में वह हीरा 37 लाख रुपए में बिका था.

नीलामी की रकम से नया कारोबार शुरू करेगा शमशेर
शमशेर ने बताया कि हीरा मिलने से वह काफी खुश है. रातों रात उसकी किस्मत बदली है. उसने बताया कि नीलामी से जो रकम मिलेगी उससे वह नया कारोबार शुरू करेगा. शमशेर का कहना है कि इससे उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक होगी. पहले किसी तरह घर का गुजारा चलता था. अब वह अच्छे से जिंदगी जी सकेगा.

कार्यालय में सिर्फ 2 हवलदार
बता दें कि पन्ना में देश का इकलौता हीरा कार्यालय है. यहां कर्मचारियों की भारी कमी है. हीरा कार्यालय में सिर्फ दो हवलदार हैं जिसके कारण यहां कामकाज प्रभावित होता है. हीरा खदान क्षेत्रों की समुचित निगरानी नहीं हो पाने के कारण बहुत कम हीरे जमा हो पाते हैं. यहां खदानों से निकलने वाले ज्यादातर हीरे चोरी-छिपे बिक जाते हैं.

हीरा कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पहले यहां 34 हवलदार पदस्थ थे. अब यहां दो हवलदार के अलावा हीरा कार्यालय में सिर्फ एक बाबू, एक वैल्युवर और एक चौकीदार है. हीरा अधिकारी का प्रभार भी खनिज अधिकारी को मिला हुआ है. पहले यहां जिला मुख्यालय स्थित हीरा कार्यालय के अलावा दो उप कार्यालय इटवां और पहाड़ीखेरा में थे लेकिन अब दोनों ही कार्यालय कर्मचारियों की कमी के चलते बंद हैं.

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