Police Constable थे Lawrence Bishnoi के पिता, बेटे को बनाना चाहते थे IPS, वकालत भी कराया, फिर जानिए कैसे बन बैठा Gangster

Lawrence Bishnoi: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई वैसे तो जेल में बंद है, लेकिन जेल में रहकर भी वो अपने आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते रहता है. समय-समय पर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के द्वारा हत्या और वसूली की खबरें आती रहती हैं. आइए जानते हैं कि एक शिक्षित परिवार से आने वाला लॉरेंस बिश्नोई एक गैंगस्टर कैसे बन गया.

शिवानंद शौण्डिक
  • नई दिल्ली ,
  • 13 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST
  • देश-विदेश में है लॉरेंस का दहशत
  • पुलिस कांस्टेबल थें लॉरेंस के पिता

हर पिता का सपना होता है कि उनका बेटा उनसे भी बड़ा आदमी बने, समाज में अच्छी पहचान बनाए और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करे. पिता अपने बेटे को अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार के साथ पालते हैं ताकि वे बड़े होकर सफल और सम्मानित व्यक्ति बने. ऐसे ही लॉरेंस बिश्नोई के पिता ने भी अपने बेटे को बड़ा आदमी बनाने का सपना देखा था. जीवन भर जीतोड़ मेहनत की और बेटे की सुख-सुविधा में कोई कसर नहीं छोड़ी. लेकिन क़िस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था, बेटा उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और पिता के आंखों के सामने ही वो सपना चूर-चूर हो गया. साधारण परिवार से आने वाला लॉरेंस बिश्नोई आज गैंगस्टर के लिस्ट में शामिल है.

कौन है लॉरेंस बिश्नोई

लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी 1993 को पंजाब के फिरोजपुर के एक गांव में हुआ था. जन्म के समय उसका चमकदार चेहरा देखकर मां ने उसका नाम लॉरेंस रख दिया. लॉरेंस की 12वीं तक की पढ़ाई अबोहर गांव में हुई. साल 2010 में 12वीं की परीक्षा में पास होने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए उसने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में दाखिला ले लिया. 2011-12 के बीच पंजाब यूनिवर्सिटी में लॉरेंस ने वकालत की पढ़ाई पूरी की. यूनिवर्सिटी में वो छात्र संगठन स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) का अध्यक्ष था. ये छात्र संगठन उसने ही बनाई थी.

छात्र चुनाव से अपराध तब का सफर

लॉरेंस ने SOPU के बैनर तले छात्र संघ का चुनाव लड़ने का फैसला किया. जीतने के लिए बहुत प्रयास किए, लेकिन वह चुनाव हार गया. हार का दर्द उससे बर्दाश्त नहीं हुआ. हार का बदला लेने के लिए उसने एक रिवाल्वर खरीद ली और जब चुनाव में लॉरेंस को हराने वाली टीम से सामना हुआ तो भिड़ंत में लॉरेंस ने फायरिंग कर दी. स्‍टूडेंट पॉलिटिक्स के दौरान उसकी मुलाकात गोल्डी बराड़ से हुई. गोल्डी से मिलने के बाद लॉरेंस के कदम अपराध की दुनिया की ओर मुड़ गए. लॉरेंस ने पूरी तरह से अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. लॉरेंस धीरे-धीरे चंडीगढ़ में गंभीर अपराधों को अंजाम देने लगा. साल 2010 में लॉरेंस ने हत्या का प्रयास, ज़मीनों पर अतिक्रमण, जानलेवा हमला, शराब तस्करी और डकैती करना शुरू कर चुका था. साल 2010 में लॉरेंस के खिलाफ पहली एफआईआर हत्या के प्रयास की थी. उसके बाद एक और एफआईआर अतिक्रमण की हुई. साल 2011 में लॉरेंस के खिलाफ मारपीट और फोन लूटने का मामला दर्ज किया गया था. सभी मामले छात्र राजनीति से जुड़े थे. पुलिस के अनुसार, लॉरेंस के खिलाफ चंडीगढ़ में सात एफआईआर दर्ज की गई थी.

देश-विदेश में है लॉरेंस का दहशत

धीरे-धीरे लॉरेंस बिश्नोई ने अपना खुद का गिरोह खड़ा करना शुरू कर दिया. उसने अपने गिरोह में कई शार्प शूटरों को शामिल किया. बिश्नोई का गैंग उत्तर भारत के कई राज्यों में सक्रिय है, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं. उसके गैंग में लगभग 700 से ज्यादा पेशेवर निशानेबाज शामिल हैं. लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार विदेशों तक फैले हुए हैं. उसके करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा जैसे अपराधी विदेश से बैठकर भारत में अपराधों को अंजाम देते हैं.

पुलिस कांस्टेबल थें लॉरेंस के पिता

लॉरेंस बिश्नोई के पिता का नाम लखबीर सिंह बिश्नोई है. वे हरियाणा पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने पांच साल बाद ही हरियाणा पुलिस की नौकरी से रिटायरमेंट ले लिया और किसान बन गए. लखबीर सिंह बिश्नोई का सपना था कि उनका बेटा बड़ा होकर एक आईपीएस अधिकारी बने. लेकिन लॉरेंस बिश्नोई जुर्म की दुनिया का एक ऐसा नाम बन गया, जिससे कई राज्यों के लोग खौफ खाते हैं. लखबीर सिंह बिश्नोई ने अपने बेटे को सही रास्ते पर रखने के लिए बहुत प्रयास किए, लेकिन लॉरेंस ने उनकी बात नहीं मानी.

वापस लौटने को कहती हैं लॉरेंस की मां

लॉरेंस बिश्नोई की मां का नाम ममता बिश्नोई है. ममता बिश्नोई एक पढ़ी-लिखी गृहणी हैं. ममता बिश्नोई ने अपने बेटे लॉरेंस बिश्नोई की आपराधिक गतिविधियों के बारे में कहना है कि अक्सर वो लॉरेंस बिश्नोई को अपने गलत रास्ते से वापस लौटने की सलाह देती हैं.

लॉरेंस बिश्नोई की गिरफ्तारी

लॉरेंस बिश्नोई मौजूदा वक्त में अहमदाबाद में साबरमती सेंट्रल जेल बंद है. रिपोर्टों के मुताबिक वह जेल से ही अपने आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. लॉरेंस बिश्नोई को साल 2014 में पहली बार राजस्थान में गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने एक एनकाउंटर के बाद उसे गिरफ़्तार किया था और भरतपुर जेल में रखा गया था. हालांकि, पेशी के दौरान मोहाली से वह पुलिस हिरासत से फरार हो गया. इसके बाद साल 2016 में उसे दोबारा गिरफ़्तार किया गया. लॉरेंस पर 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर लगे हैं ये बड़े आरोप

1. 2018 में उस पर बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की हत्या की साजिश रचने का आरोप

2. पंजाब के मानसा में 29 मई 2022 को पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोप

3. जयपुर में 5 दिसंबर 2023 को करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या का आरोप

4. बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के घर पर 14 अप्रैल 2024 की सुबह फायरिंग का आरोप

5. मुंबई में 12 अक्टूबर 2024 को NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का आरोप


 

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