Lucknow Army Medical Corps की कमांडेंट बनीं लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय, 74 साल में पहली बार किसी महिला ने संभाली कमान

Lieutenant General Kavita Sahai: लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय आर्मी मेडिकल कोर की कमांडेंट बनीं हैं. वह AFMC की पहली महिला कमांडेंट हैं. 74 साल बाद किसी महिला ने ये कमान संभाली हैं.

Lieutenant General Kavita Sahai
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:11 PM IST
  • सेना में महिलाओं के लिए गौरवशाली पल
  • 37 साल से ज्यादा का शानदार करियर 

लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय (Lieutenant General Kavita Sahai) को लखनऊ छावनी स्थित आर्मी मेडिकल कोर (Army Medical Corps) की कमांडेंट बनाया गया है. वह AMC की पहली महिला कमांडेंट हैं. गुरुवार को उन्होंने पदभार संभाल लिया है. यह पद पिछले 74 साल से विशेष रूप से पुरुषों के पास ही था. ऐसे में इस पद पर कविता सहाय की नियुक्ति लैंगिक समानता का बड़ा उदाहरण है. वहीं भारतीय सेना के इतिहास में भी ये एक महत्वपूर्ण पल है.

लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय की वर्दी कई मेडल से सजी हुई है. ये उनकी राष्ट्र के प्रति सालों की समर्पित सेवा की गवाही देती है. सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल सहाय का शानदार करियर कर्तव्य और सेवा के प्रति उनकी अटूट मेहनत का प्रमाण है.

37 साल का शानदार करियर 

लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय बीते 37 साल से अधिक समय से भारतीय सेना से जुड़ी हैं. पुणे के प्रतिष्ठित सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (AFMC) में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल सहाय को 30 दिसंबर, 1986 को आर्मी मेडिकल कोर में नियुक्त किया गया था. इन सालों में, उन्होंने अपने कौशल और विशेषज्ञता को निखारा और पैथोलॉजी में एमडी की उपाधि हासिल की. साल 1994 में उन्होंने पैथोलॉजी में डीएनबी और फिर 1997 में पैथोलॉजी में डीएनबी की है. ये दोनों ही डिग्री उन्होंने पुणे AFMC से ली हैं. 

सीखने के जुनून को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल सहाय ने 2000 से 2002 तक एम्स, नई दिल्ली में ऑन्कोपैथोलॉजी में दो साल की फैलोशिप लेते हुए आगे विशेषज्ञता हासिल की. वहीं साल 2020-22 में अमेरिका की फैमर कील यूनिवर्सिटी से हेल्थ प्रोफेशनल एजुकेशन में डिप्लोमा लिया है. 

मेडिकल रिसर्च और शिक्षा में बड़ा योगदान 

दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल में विभागाध्यक्ष और लैब मेडिसिन के प्रोफेसर के रूप में काम करने से लेकर, नई दिल्ली में AFMC और आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) में रहने तक, उनका योगदान काफी बड़ा रहा है. 

इतना ही नहीं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके 100 से ज्यादा पेपर पब्लिश हो चुके हैं. ये दिखाता है कि उन्होंने मेडिकल रिसर्च और शिक्षा में कितना बड़ा योगदान दिया है. 

हमेशा रहा पति का साथ 

दरअसल, हर सफल महिला के पीछे एक साथी जरूर होता है, और लेफ्टिनेंट जनरल सहाय के लिए, यह उनके पति हैं. मेजर जनरल राजेश सहाय, AVSM, SM (रिटायर्ड) ने शुरू से कविता का साथ दिया. सेवा और बलिदान के आदर्शों के प्रति उनका अटूट समर्थन लेफ्टिनेंट जनरल सहाय की इस यात्रा की आधारशिला रही है. 

उनकी बेहतरीन सेवा के लिए, लेफ्टिनेंट जनरल सहाय को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर सेना मेडल से सम्मानित किया गया था. वहीं साल 2018 में उन्हें विशिष्ट सेवा मैडल और 2008 और 2012 में सेना प्रमुख की सराहना जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. 

 

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