दिल्ली में आखिरकार विवादित आबकारी यानि एक्साइज पॉलिसी को बाई-बाई बोल दिया गया. 1 सितंबर से मौजूदा नीति की जगह पिछले साल नवंबर तक चली आ रही पुरानी नीति की वापसी हो गई है. 1 सितंबर से लागू हुई इस नीति को लेकर कई शंकाएं थीं. वो इसलिए क्योंकि तैयारी के लिए एक महीने से भी कम का वक्त था और नई दुकानों को खोलने से लेकर नए थोक कारोबारियों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया तय समय पर पूरी करनी थी. पुरानी आबकारी व्यवस्था के लौटने के बाद दिल्ली सरकार ने एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च किया है जो शहर में शराब की दुकानों के बारे में जानकारी देगा. दिल्ली सरकार के नए ऐप का नाम 'mAbkaridelhi' है जो शराब के ब्रांड, शराब की दुकानों के स्थान, अल्कोहल ब्रांडों की उपलब्धता और ड्राई डे के बारे में भी अपडेट देगा.
ऐप के जरिए मिलेगी शराब
ग्राहक ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. ऐप का आईओएस वर्जन भी जल्द ही उपलब्ध होगा. mAbkaridelhi ऐप आपके इलाके में रिटेल विक्रेताओं और उनकी दुकान के खुलने और बंद होने के समय के बारे में भी जानकारी देगा. ग्राहक शराब की दुकानों को अल्फाबेटिकल ऑर्डर में सर्च सकते है. फीचर्ड ऐप दो भाषाओं में आएगा: हिंदी और अंग्रेजी.
पॉलिसी लागू होने से पहले ही शुरू हो गई कमाई
शराब के जरिए दिल्ली की आमदनी भी खूब होती है. इसलिए जब पॉलिसी में बदलाव किया जा रहा है तो बिक्री से कमाई पर नज़र तो रहेगी ही. लेकिन बिक्री शुरु होने से पहले ही सरकारी कमाई चालू हो गई है. इम्पोर्ट परमिट को जारी करने से अब तक 66 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है, ब्रांड रजिस्ट्रेशन से लगभग 50 करोड़ सरकार कमा चुकी है. इसके अलावा लगभग 1000 होटल जहां शराब परोसी जाती है. उनसे भी अगले 6 महीनों के लिए लाइसेंस रिन्यूअल फीस के तौर पर 70 करोड़ रुपए मिल चुके हैं. कुल मिलाकर शराब की बिक्री तो जब शुरू होगी तब होगी उससे पहले ही लगभग 200 करोड़ सरकारी तिजोरी में आ गई है.
पहली बार खुली ऐसी बीयर बनाने की माइक्रो ब्युरी जो दुकान से बाहर भी बेचेगी बीयर
नई पॉलिसी के लागू होते ही एक और नई चीज हुई और वो कि दिल्ली में बीयर बना कर बड़े स्तर पर बेचने की शुरुआत भी आज से हो गई. साकेत में एक ऐसी दुकान खुल गई जो सिर्फ ताज़ा बीयर ही बना कर नहीं पिलाएगी बल्कि आस-पास के इलाकों में सप्लाई भी करेगी. इसके अलावा जम्मू की एक कंपनी ने ड्राफ्ट बीयर बनाने के लिए भी आवेदन किया है.