बिहार में शराबबंदी कानून में संशोधन करेगी सरकार, होली के बाद विधानसभा में पेश होगा संशोधन विधेयक

बिहार सरकार ने शराब पीने के आरोप में पकड़े गए लोगों का मामला कोर्ट में जल्द से जल्द निपटे इसके लिए  सरकार शराबबंदी कानून में एक बार फिर संशोधन करने जा रही है. इस संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बहुत जल्द बिहार मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक- 2022 विधानसभा में होली के बाद पेश होने की संभावना है.

बिहार में शराबबंदी कानून में संशोधन करेगी सरकार
सुजीत झा
  • पटना,
  • 17 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:43 PM IST
  • शराबबंदी कानून में संशोधन करेगी सरकार
  • सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई थी फटकार 

बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार कई सख्त कदम उठा रही है. मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के साथ, पुलिस और स्वान दस्ता के अलावा ड्रोन से भी शराबियों और शराब तस्करी करने वालों की तलाश जारी है. लगातार छापेमारी चल रही है. लेकिन उसी हिसाब से शराब पीने वाले और शराब की बिक्री करने वाले भी पकड़े जा रहे हैं. बिहार के जेलों की स्थिति और भी खराब है. जहां क्षमता से दोगुने कैदी जेलों में ठुसें जा रहे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा शराब पीने और बेचने के आरोपी हैं. वैसे में जेलों से भार कम करने और पहली बार शराब पीने वालों को बिहार सरकार छूट देने जा रही है.

शराबबंदी कानून में संशोधन करेगी सरकार
बिहार सरकार ने शराब पीने के आरोप में पकड़े गए लोगों का मामला कोर्ट में जल्द से जल्द निपटे इसके लिए  सरकार शराबबंदी कानून में एक बार फिर संशोधन करने जा रही है. इस संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बहुत जल्द बिहार मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक- 2022 विधानसभा में होली के बाद पेश होने की संभावना है. उससे पूर्व राज्य सरकार ने इससे संबंधित संशोधन विधेयक की  प्रति विधायकों को पढ़ने के लिए दे दी है. शराबबंदी कानून को लेकर हो रही फजीहत और सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद बिहार सरकार ने इसमें संशोधन की तैयारी कर ली है.

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई थी फटकार 
सदन में सरकार की ओर से जो संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा उसमें ये साफ किया गया है कि पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर पुलिस और उत्पाद पदाधिकारी के रिपोर्ट के आधार पर कार्यपालक मजिस्ट्रेट कार्रवाई करेंगे. जुर्माने की राशि सरकार तय करेगी. बिहार में शराबबंदी कानून बने और उसके बाद राज्य के सभी कोर्ट में ज्यादा मामले लंबित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी.

राज्य सरकार ने संशोधन विधेयक का प्रस्ताव दिया
कोर्ट में शराब वाले मामले को लेकर सुनवाई जल्द हो इसके लिए राज्य सरकार ने संशोधन विधेयक का प्रस्ताव दिया है. उसके अलावा विधेयक में ये भी प्रावधान किया गया है कि ऐसे मामले की सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी. वहीं, इस विधेयक में ये भी प्रावधान किया गया है कि पुलिस के द्वारा यदि अवैध और भारी मात्रा में शराब पकड़ी जाती है, तो पुलिस को ये अधिकारी होगा कि भंडारण क्षमता का ख्याल रखते हुए शराब का सैंपल रख ले ौर बाकी को नष्ट कर दे. इसके लिए कलेक्टर से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.


 

 

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