भारत-पाक बॉर्डर पर रही लोहड़ी और मकर संक्रांति की धूम, BSF जवानों के कड़ाके की सर्दी में दिया ये संदेश

बीएसएफ के जवानों ने बॉर्डर पर सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अलाव जलाए, पारंपरिक गीत गाए और लोहड़ी की मिठाइयों का आनंद लिया. इस दौरान, जवानों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी और बॉर्डर पर तैनात रहते हुए इस पर्व को मनाने का अनूठा तरीका अपनाया. 

जवानों ने मनाई लोहड़ी और मकर संक्रांति
gnttv.com
  • जैसलमेर ,
  • 14 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST
  • एक दूसरे को दी शुभकामनाएं 
  • कड़ाके की सर्दी में दिया ये संदेश

भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने इस बार लोहड़ी का पर्व बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया. जबरदस्त कड़ाके की ठंड के बावजूद, जहां हर कोई घरों में गर्म कपड़े पहनकर आराम कर रहा था, वहीं BSF के जवान अपनी ड्यूटी निभाते हुए इस विशेष पर्व का आनंद ले रहे थे.

दरअसल, लोहड़ी का पर्व भारतीय संस्कृति में फसल की कटाई और नए वर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. यह पर्व खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में मनाया जाता है. BSF के जवानों ने भी इस पर्व को अपार उल्लास और जोश के साथ मनाया, हालांकि, वे अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह सजग और चौकस रहे.

एक दूसरे को दी शुभकामनाएं 
बीएसएफ के जवानों ने बॉर्डर पर सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अलाव जलाए, पारंपरिक गीत गाए और लोहड़ी की मिठाइयों का आनंद लिया. इस दौरान, जवानों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी और बॉर्डर पर तैनात रहते हुए इस पर्व को मनाने का अनूठा तरीका अपनाया. 

लोहड़ी की महक, गरमा गरम तिल और गुड़, और अलाव की रोशनी में जवानों ने अपनी वीरता और धैर्य को दर्शाते हुए पर्व की खुशी को साझा किया. भारतीय सीमा पर सुरक्षा को लेकर बीएसएफ के जवानों का समर्पण और जोश हमेशा प्रेरणादायक होता है. 

दिया ये संदेश 
इस विशेष अवसर पर BSF ने यह भी संदेश दिया कि भले ही सीमा पर सुरक्षा की जिम्मेदारी हो, लेकिन त्योहारों का उल्लास और सांस्कृतिक समृद्धि की भावना को कभी कम नहीं होने दिया जाता.  जवानों ने यह साबित किया कि कड़ी मेहनत और सजगता के बीच भी भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति उनकी निष्ठा कायम रहती है.

(विमल भाटिया की रिपोर्ट)

 

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