बीजेपी दिल्ली ने अपने सातों उम्मीदवारों का के नाम का ऐलान कर दिया है. इन सातों उम्मीदवारों में से 6 उम्मीदवार नए चेहरे हैं. सिर्फ उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी को एक बार फिर से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि बाकी सभी 6 सांसदों का टिकट बीजेपी ने काट दिया है.
क्या है टिकट कटने मुख्य वजह
दरअसल दिल्ली में 7 सांसदों की टिकट कटने के पीछे सबसे बड़ी वजह सांसदों की एंटी इनकंबेंसी है.दूसरा कार्यकर्ताओं के बीच ना जाना.तीसरा दिल्ली की केजरीवाल सरकार के खिलाफ मुद्दों को जनता तक सही तरीके से ना ले जाना.चौथी वजह थी कार्यकर्ताओं का काम ना होना जिससे कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी देखने को मिल रही थी. इसके अलावा मीडिया के सामने वो लोग केजरीवाल को चुनौती देते थे लेकिन सड़कों पर ना तो आंदोलन करते नजर आते थे ना ही विरोध प्रदर्शन. कई मुद्दों पर जिन पर आम आदमी पार्टी को घेरा जा सकता था उस पर भी सांसदों ने सही तरीके से काम नहीं किया.
निगम चुनाव में बीजेपी का हारना
पिछले 15 साल से बीजेपी दिल्ली नगर निगम में काबिज थी लेकिन 2022 के नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को हरा दिया. इसके पीछे की बड़ी वजह ये रही कि दिल्ली के सातों सांसदों में से कोई भी सांसद सफाई के मुद्दे पर केजरीवाल का सामना करता नजर नहीं आया.केजरीवाल साफ सफाई के मुद्दे पर बीजेपी सांसद चुप रहे जिसके कारण बीजेपी को निगम चुनाव हारना पड़ा. सात सांसदों में से पांच सांसदों की परफॉर्मेंस खराब रही. सिर्फ दो ही सांसद निगम में अच्छी परफॉर्मेंस दिखा पाए. एक सांसद मनोज तिवारी रहे और दूसरे गौतम गंभीर. यही वजह है कि मनोज तिवारी को एक बार फिर से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. मनोज तिवारी भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार हैं और बीजेपी के स्टार कैंपेनर भी.
गौतम गंभीर का क्यों काटा टिकट
इंडियन टीम के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं. गौतम गंभीर पूरे 5 साल अपने संसदीय क्षेत्र में कम बल्कि चुनावी मैदान में कमेंट्री करते ज्यादा नजर आए. नतीजा कार्यकर्ताओं से लेकर विधायकों और निगम पार्षदों में काफी ज्यादा नाराजगी थी. हालांकि गौतम गंभीर ने कई ऐसे कार्य अपने क्षेत्र में किए जिनको इलाके की जनता ने सराहा भी, जैसे 1 रुपये में थाली देना. दूसरा गाजीपुर लैंड फील्ड साइड में कूड़े के भार को कम करना शामिल है. इसके अलावा कोरोना काल में फैबिफ्लू की दवा को लेकर भी गौतम गंभीर चर्चा में रहे थे. लेकिन केजरीवाल सरकार पर जवाब देने के मामले में गौतम गंभीर बहुत ही कम मुद्दों पर मीडिया के सामने आते थे. यही वजह थी जिसके कारण उनकी परफॉर्मेंस राजनीति में काफी खराब दिखाई दे रही थी. इस वजह से उनका टिकट काटा गया. हालांकि टिकट कट जाने से पहले ही गौतम गंभीर ने ट्वीट करके सक्रिय राजनीति से त्याग देने का फैसला किया.
क्यों काटा हंसराज हंस का टिकट
वेस्ट दिल्ली से मौजूदा समय में बीजेपी के हंसराज जन संसद हैं. कहा जाता है कि हंसराज हंस ना तो बीजेपी दफ्तर में नजर आते हैं ना ही अपने कार्यकर्ताओं के बीच में और ना ही संसदीय क्षेत्र में. इसके अलावा हंसराज हंस लोकसभा में भी काफी कम मुद्दों को उठाते नजर आते थे. संसदीय क्षेत्र में अच्छा ना होना, साथ ही लोकसभा में ना होना और जनता के मुद्दे ना उठाना यही वजह है कि संसद हंसराज हंस का टिकट बीजेपी ने काट दिया. भाजपा ने इस बार उनका टिकट काटकर,एक सक्रिय कार्यकर्ता को इस क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है.
क्यों कटा डॉक्टर हर्षवर्धन का टिकट
डॉ हर्षवर्धन चांदनी चौक लोक सभा सीट से मौजूदा सांसद हैं. डॉक्टर हर्षवर्धन का भी इस बार पार्टी ने टिकट काटकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है. डॉ हर्षवर्धन का टिकट काटे जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण उनकी उम्र है. डॉ हर्षवर्धन का टिकट काटे जाने के पीछे कार्यकर्ताओं में थोड़ी नाराजगी है. डॉक्टर हर्षवर्धन एक साफ छवि वाले नेता है. इसके अलावा केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और मोदी सरकार में नजर आए डॉ हर्षवर्धन इकलौते ऐसे सांसद हैं जिन पर केजरीवाल सरकार और उनके विधायक भी हमला करने से पहले चार बार सोचते हैं.
रमेश बिधूड़ी का क्यों काट टिकट
रमेश बिधूड़ी साउथ दिल्ली से बीजेपी के सांसद हैं. रमेश बिधूड़ी का टिकट काटे जाने का पीछे सबसे बड़ा कारण पिछले दिनों सांसद के सत्र के दौरान बीएसपी के सांसद दानी शरीर पर अभद्र टिप्पणी करना और उनसे बदसलूकी करना सबसे बड़ा कारण है.
प्रवेश वर्मा का क्यों कटा टिकट
प्रवेश वर्मा वेस्ट दिल्ली से बीजेपी के सांसद हैं.प्रवेश वर्मा का टिकट कटने के पीछे का कारण एंटी इनकंबेंसी है. कार्यकर्ताओं में नाराजगी इस बात को लेकर है कि प्रवेश वर्मा वेस्ट दिल्ली से सांसद हैं लेकिन नई दिल्ली में रहते हैं और कार्यकर्ताओं से कम मिलते थे. हार्डकोर मुद्दों पर वह अपनी बयान बाजी देते नजर आते थे.
(सुषांत मेहरा की रिपोर्ट)