Madhya Pradesh High Court का अनोखा फैसला.. अवमानना के मामने में सुनाई अनूठी सजा

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक अनूठे फैसले में एक व्यक्ति को आपराधिक अवमानना के मामले में उसे एक महीने के भीतर देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाने का आदेश दिया है.

Decision gave in a contempt of court case
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक शख्स को क्रिमिनल कंटेप्ट केस में माफी दे दी है. लेकिन उसको माफी देते हुए यह कहा गया है कि उसको एक महीने के भीतर 50 पेड़ लगाने होंगे. साथ ही इन पेड़ों का देशी प्रजातियों का होना भी जरूरी है. यह फैसला हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की बेंच ने राहुल साहू नामक व्यक्ति के लिए सुनाया है.

अदालत ने फैसले में कहा है कि हम आरोपी के आचरण को ध्यान में रखते हुए निर्देश देते हैं कि वह मुरैना जिले के संबलगढ़ क्षेत्र में देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाएंगे. साथ ही पेड़ देशी प्रकृति के होने चाहिए और उनकी ऊंचाई कम से कम चार फुट होनी चाहिए. अदालत ने यह भी कहा कि पेड़ों को उपमंडल अधिकारी (वन), संबलगढ़ के निर्देशन में लगाया जाएगा और पेड़ एक महीने की अवधि के भीतर लगाए जाएंगे. 

दरअसल इस मामले पर हाईकोर्ट ने संबलगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) से प्राप्त अवमानना संदर्भ पर स्वत: संज्ञान लिया. साहू के वकील आशीष सिंह जादौन ने बताया कि साहू ने मुरैना की अदालत की एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की थी. साथ ही फोटो के साथ एक कमेंट भी लिखा था. इस कमेंट के कारण उनपर क्रिमिनल कंटेप्ट केस लगाया गया. साथ ही जिस फोटो को उन्होंने पोस्ट किया था वह उनकी पत्नी द्वारा दायर एक पारिवारिक मामले की सुनवाई के दौरान की थी.

फोटो को सोशल मीडिया पर देखने के बाद जेएमएफसी संज्ञान लेते हुए साहू को नोटिस जारी किया, लेकिन कई मौके दिये जाने के बावजूद साहू ने कोई जवाब नहीं दिया. जिसके बाद जेएमएफसी ने मामले को हाईकोर्ट में ट्रांस्फर कर दिया. अदालत के आदेश के मुताबिक प्रतिवादी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित है. उसने 15 अक्टूबर, 2024 को अपना हलफनामा दाखिल कर दलील दी कि वह अर्ध-साक्षर है और उसने केवल 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है.

साहू ने अदालत को बताया कि उसे कानूनी प्रक्रिया का ज्यादा ज्ञान नहीं है. वह अदालती कार्यवाही की मर्यादा के बारे में नहीं जानता था. आदेश के मुताबिक साहू ने अपने आचरण पर खेद जताया और बिना शर्त माफी मांगी साथ ही भविष्य में सावधानी बरतने का वचन भी दिया.

 

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