Mahakumbh 2025: अमृत कलश की पेंटिंग्स से लेकर ऊंट की सवारी तक... महाकुंभ में दिख रहे तरह-तरह के रंग

एक महिला कलाकार ने महाकुंभ के लिए 'राम नाम' के साथ अमृत कलश की टेक्स्ट पेंटिंग बनाई है, जो आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है.

Mahakumbh 2025
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 09 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:34 AM IST

जैसे-जैसे महाकुंभ के शुभारंभ की तारीख नजदीक आ रही है. लोगों का उत्साह बढ़ता जा रहा है. हर कोई अपने तरीके से इस महाकुंभ के पर्व को मनाना चाहता है. 45 दिनों तक चलने वाले इस महाआयोजन में सनातन परंपरा की एक से बढ़कर एक झलक श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगी.

अमृत कलश की टेक्स्ट पेंटिंग

सरकार की तरफ से हर तरह की तैयारी आखिरी चरण में है, तो भक्त भी अपने स्तर से महाकुंभ में अपनी आस्था दिखाने में पीछे नहीं है. एक महिला कलाकार ने महाकुंभ के लिए 'राम नाम' के साथ अमृत कलश की टेक्स्ट पेंटिंग बनाई है, जो आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. यह पेंटिंग प्रतिभा पांडे नाम की भक्त ने बनाई है इसमें पाठ का उपयोग किया गया है.

प्रतिभा का कहना है कि कुंभ को कलश भी कहा जाता है और इसीलिए उन्होंने कुंभ बनाया है ताकि पवित्र त्यौहार और दिव्य हो सके. महाकुंभ के शुरु होने में बस कुछ दिन ही बाकी है. ऐसे में प्रयागराज में गंगा तट पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने लगा है. कई लोग राजस्थान से लाए गए ऊंट की सवारी का आनंद लेते देखे जा रहे हैं. यह बच्चों के बीच तो खासा लोकप्रिय भी हो गया है.

महाकुंभ में 'अश्व शक्ति'

महाकुंभ की तैयारी में प्रयागराज नगरनिगम भी व्यस्त है. वे भी लोगों में इस बात की जागरूकता फैलाने में लगा है कि यहां के स्थानीय लोग और श्रद्धालु महाकुंभ स्वच्छता को बनाए रखें. और प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल भी न करें. शहर के हर गली-मुहल्ले में रथयात्रा और जुलूस निकाल कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था में हॉर्स पावर यानी अश्व-शक्ति भी लगाई गई है. ये घोड़े आम नहीं हैं बल्कि वेल ट्रेंड हैं. इशारों पर ये कदमताल करते हुए रास्ता बनाते हैं और जमीन के साथ-साथ पानी में भी आसानी से दौड़ सकते हैं. मेले में क्राउड कंट्रोल के लिए यूपी की ट्रेन्ड माउंटेड पुलिस इन घोड़ों के साथ तैनात है.

130 घोड़ों के साथ जवान अलग-अलग ग्रुप में पेट्रोलिंग पर निकलते हैं. घुड़सवारों के दस्ते में भारतीय ब्रीड के अलावा अमेरिकन और इंग्लैंड ब्रीड के घोड़े भी शामिल हैं.  इनकी कीमत 50 लाख से ढाई करोड़ तक है. और इनके रखरखाव के लिए खास व्यवस्था की गई है.

महाकुंभ में आनेवाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इन घोड़ों का इस्तेमाल किया जाएगा. इन घोड़ों के गर्दन के पास एक स्पेशल डिवाइस फिट किया गया है. जिसमें इनकी खासियत मौजूद है. साथ ही इनकी लोकेशन भी मिलती रहेगी.

 

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