उत्तर प्रदेश में प्रयागराज संगम के रेती पर 13 जनवरी 2025 से शुरू होने जा रहे हैं कुंभ मेले में लाखों की संख्या में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है. कुंभ को सफल बनाने में बसे ज्यादा योगदान पुलिस अधिकारी और कर्मचारी देते हैं जो दिन-रात एक करके सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखते हैं. पुलिस वालों के लिए कुंभ की ड्यूटी बहुत सख्त होती है लेकिन फिर भी सैकड़ों ऐसे पुलिस अधिकारी व कर्मचारी हैं जो खुद अपनी ड्यूटी कुंभ में लगवाते हैं.
कुंभ मेलों में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी महज़ चंद महीनों की होती है लेकिन कई मौको पर खासकर स्नान पर्वों पर न दिन का पता होता है न रात का ठिकाना. कई-कई दिन तक लगातार चलते रहना... कड़कती ठंड में आराम का भी मौका बहुत बार नहीं मिलता है. अगर आराम मिले भी तो तंबुओं के बैरक में ज़रा देर की झपकी और फिर काम. यह पोस्टिंग किसी तपस्या से कम नहीं होती है. दरअसल ये एक तरह से पुलिस वालों का कल्पवास है. लेकिन आखिर ऐसी क्या वजह है जो सरकारी अधिकारी और कर्मचारी खुद कुंभ की पोस्टिंग चाहते हैं.
शांति और संतुष्टि के लिए आते हैं यहां
उत्तर प्रदेश पुलिस में पुलिस इंस्पेक्टर, विलास यादव को कुंभ 2025 में बतौर RI पोस्टिंग मिली है. विलास यादव कई कुंभ मेलों में ड्यूटी कर चुके हैं और इस बार भी खुद अर्जी लगाकर कुंभ में ड्यूटी पर आये हैं. विलास यादव का कहना है कि पूर्व जन्म के किसी पुण्य कर्म से उन्हें कुंभ मेले में ड्यूटी करने का मौका मिला है. मां गंगा की गोद मे रहकर यहां आने वाले कल्पवासियों-श्रद्धालुओ की सेवा करने का पुण्य फल बहुत ज्यादा है. यहां रहने पर जो शांति और संतुष्टि मिलती है वह कहीं और नही मिल सकती है. विलास यादव जैसे और न जाने पुलिस कर्मी यहां आपको मिल जाएंगे जिनका ये मानना है कि जो यहां सेवा भाव से काम करेगा उसका जीवन बदल जायेगा... ये सारे यहां खुद ड्यूटी मांगकर आये हैं.
20 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी हो चुके हैं तैनात
कुंभ मेले में लगभग 50 हज़ार पुलिस कर्मियों की तैनाती होनी है जिसमें से 20 हज़ार के करीब पुलिस अधिकारी व कर्मचारी मेला ड्यूटी जॉइन कर चुके हैं. इन 20 हज़ार पुलिस कर्मियों में से 2231 ऐसे हैं जो खुद कुंभ की ड्यूटी मांग कर यहां आए हैं. सरकारी कर्मियों के लिए पूरे कुंभ मेले का आयोजन घर मे पड़े किसी मांगलिक कार्य जैसा होता है. जैसे किसी के घर मे बेटी की शादी हो और यही भावना रखकर पुलिस कर्मियों को काम करना होता है. लेकिन तमाम पुलिस कर्मियों का मानना है कि सेवा भाव से की गई कुंभ ड्यूटी का पुण्य फल किसी साधक की साधना से कम नही होता है़.
एसएसपी राजेश द्विवेदी कहते हैं कि उनके पास लगतार ऐसे पुलिसकर्मियों के आवेदन आ रहे हैं जो मेले में सेवा करना चाहते हैं. उनके मुताबिक यहां आए पुलिस कर्मियों को अलग से ट्रेनिंग दी जाती है जिनमें उन्हें सॉफ्ट स्किल भी सिखाई जा रही है. सॉफ्ट स्किल यानी मेले में आये श्रद्धालुओं से कैसे बातचीत-आचरण करना है. क्योंकि यहां की ड्यूटी सिर्फ लॉ एंड ऑर्डर का विषय नही होता बल्कि अच्छे आचरण के साथ मेले को सम्पन्न कराने की ज़िम्मेदारी होती है. तमाम ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं जो अपना अनुभव बताते हैं कि कैसे कुंभ मेले में काम करने के बाद उनका जीवन संवर गया.
2019 के कुंभ मेले के बाद इसका एक छोटा उदाहरण उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से भी दिया गया था. सरकार ने मेले को सकुशल संपन्न होने के बाद तमाम पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों को उनकी मन की पोस्टिंग दी थी.
(आनंद राज की रिपोर्ट)