महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर कंट्रोवर्सी थमने का नाम नहीं ले रही है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने ऐलान कर दिया है कि जिस मस्जिद से लाउडस्पीकर नहीं उतारा जाएगा, वहां हनुमान चालीसा होगा. राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई में 1400 मस्जिदें हैं, जिसमें से 135 मस्जिदों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लाउडस्पीकर से अजान की गई. एमएनएस नेता ने इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम भी दिया है. राज ठाकरे अपने विवादित बयानों के लिए फेमस रहे हैं. पहले भी वो अपने बयानों से महाराष्ट्र की सियासत में तूफान मचा चुके हैं. ऐसा कहा जा सकता है कि बयानों की वजह से ही उनकी सियासत फर्श से अर्श पर पहुंची. चलिए हम उन मुद्दों के बारे में बताते हैं, जिसके जरिए राज ठाकरे ने अपनी सियासत चमकाई है.
उत्तर भारतीयों के खिलाफ उगला जहर-
साल 2008 में राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसक आंदोलन किया. इससे पहले साल 2000 में राज ठाकरे ने एक रैली में उत्तर भारतीयों धमकी दी थी और कहा था कि अगर वो दादागीरी करते हैं तो उनको मुंबई में रहने नहीं दिया जाएगा और उनको मुंबई छोड़ना पड़ेगा.
मराठी अस्मिता का मुद्दा-
राज ठाकरे मराठी अस्मिता का मुद्दा उठाते रहते हैं. मराठी अस्मिता वाले बयानों से महाराष्ट्र की सियासत गर्माती रही है. एमएनएस के एक कार्यक्रम में राज ठाकरे ने कहा था कि जो भी नए ऑटो गैर मराठी चला रहे हैं, उनमें आग लगा दो.
बॉलीवुड पर प्रहार-
बॉलीवुड अभिनेत्री जया बच्चन की फिल्मों पर बैन लगाने की धमकी दी थी. एमएनएस कार्यकर्ताओं ने सिनेमाघरों में तोड़फोड़ भी की थी. जिसके बाद जया बच्चन की तरफ से अमिताभ बच्चन को माफी मांगनी पड़ी थी. दरअसल जया बच्चन ने कह दिया था कि हम यूपी के लोग हैं, इसलिए हिंदी बोलेंगे. इसके बाद राज ठाकरे उनके खिलाफ जहर उगलने लगे थे. साल 2008 में राज ठाकरे ने अमिताभ बच्चन पर आरोप लगाया था कि वो महाराष्ट्र में रहते हैं कमाते हैं. लेकिन मराठियों के लिए कुछ नहीं करते.
प्रतीक की 'राज'नीति-
साल 2008 में राज ठाकरे ने मराठी भाषा को अपनाने पर जोर दिया. एमएनएस कार्यकर्ता मुंबई में अंग्रेजी साइन बोर्ड को काला करने लगे. उसकी जगह मराठी साइन बोर्ड लगाने को कहा गया. फिल्मों में भी मुंबई के पुराने नाम बंबई के इस्तेमाल को लेकर हंगामा खड़ा किया गया. एमएनएस ने 'वेक अप सीड' फिल्म का सिर्फ इसलिए विरोध किया. क्योंकि इसमें मुंबई को बंबई के नाम से संबोधित किया गया था.
धर्म की उग्र राजनीति-
साल 2020 में कोरोना के दौरान तबलीगी जमात की निजामुद्दीन के मरकज में बैठक पर राज ठाकरे ने निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि इसके जमावड़े से कोरोना के खिलाफ जंग को नुकसान हुआ है. ऐसे लोगों को गोली मारकर खत्म कर देना चाहिए. अब लाउडस्पीकर को लेकर राज ठाकरे बयानबाजी कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: